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मद् भागवत कथा के दौरान बेटे द्वारा प्रताड़ित वृद्ध माता एवं उसकी मानसिक बेटी को अपनाया


 

सेवाधाम मानवता का मंदिर है - डॉ. एस.एन. सुब्बाराव

उज्जैन। ‘अंकित ग्राम’ सेवाधाम आश्रम परिवार द्वारा 8 दिवसीय संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। भागवत कथा के दौरान उज्जैन निवासी षराबी बेटे एवं बहु से परेषान अषक्त 70 वर्शीय वृद्ध माता एवं उसकी 40 वर्शीय मानसिक रोगी बेटी के साथ सेवाधाम आश्रम आ पहुंची। उसकी व्यथा सुनकर सेवाधाम आश्रम के संस्थापक सुधीर भाई का मन भर आया। उक्त वृद्धा ने श्रीमद् भागवत कथा का रसपान किया उसके मुरझाये चेहरे पर मुस्कान आ गई। श्रीमद् भागवत कथा के पष्चात प्रसिद्ध गांधीवादी एवं सर्वोदयी डॉ. एस.एन. सुब्बारावजी ने अषक्त वृद्धा एवं उसकी मानसिक बेटी का आश्रम के परम्परानुसार मंगल, तिलक एवं मिश्ठान खिलाकर प्रवेष दिया। 

इस अवसर पर सुब्बाराव ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘‘सुधीर भाई एवं सेवाधाम आश्रम के वृहद परिवार को बहुत-बहुत बधाई। जिन्हें देष में कहीं भी जगह नही मिलती है उनके लिए सेवाधाम के दरवाजे हमेषा खुले रखता है। हम मानते है कि भागवत के वचन पवित्र होते है। जो भी सेवाधाम में आता है उसे ईष्वर का स्वरूप मानकर स्वीकारते है। हम देखते है षरीर जर्जर होकर आते है और उन्हें यहां आकर नवजीवन मिलता है। उज्जैन में एक महाकाल मंदिर है और दूसरा सेवाधाम मानवता का मंदिर है। भागवत कथा के तृतीय दिवस पं. गोपाल कृश्ण षुक्लजी ने व्यासपीठ से अपने उद्बोधन में कहा कि ‘‘ प्रहलाद चरित्र के अन्तर्गत भगवान को प्रसन्न करने के लिए ब्राह्मण, देवता या ऋशि होना, सदाचार और विविध ज्ञानों से सम्पन्न होना, बड़े-बड़े दान करना बड़े-बड़े यज्ञ करना ही पर्याप्त नही है। भगवान तो केवल निश्काम प्रेम भक्ति से ही प्रसन्न हो जाते है इसलिए मानव मात्र को अपने समान समझ कर सर्वषक्तिमान परमात्मा की भक्ति करना चाहिए, भगवान की भक्ति के प्रभाव से ही दैत्य, यक्ष, राक्षस, स्त्रिया, गोपालक, पक्षी, पषु आदि बहुत से पापी जीव भी भगवद्भाव को प्राप्त गये है। इस संसार में मनुश्य षरीर में जीव का सबसे बड़ा स्वार्थ अर्थात एक मात्र परमार्थ इतना ही है कि वह भगवान श्रीकृश्ण की अनन्य भक्ति प्राप्त करें। उस भक्ति का स्वरूप है सर्वदा, सर्वत्र सब वस्तुओं में भगवान का दर्षन। इस अवसर पर सत्यनारायण अग्रवाल सपरिवार, गोयल कुटुम्ब के समस्त परिजन श्री सिद्धार्थ गोयल, श्री समीर गोयल श्रीमती इन्दू गोयल, श्रीमती अलका गोयल, श्रीमती कांता गोयल, श्रीमती मनोरमा गोयल सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे।

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