मुख्यमंत्री श्री चौहान ने तराना में 2215 करोड 64 लाख की नर्मदा क्षिप्रा बहुउद्देशीय उद्वहन सिंचाई परियोजना का भूमिपूजन किया
अगले 5 साल में मध्य प्रदेश को समृद्ध एवं आदर्श राज्य बनाएंगे,
उज्जैन । अगले 5 साल में मध्य प्रदेश को समृद्ध एवं आदर्श राज्य बनाएंगे, जिसमे कोई गरीब नहीं होगा, हर गरीब व्यक्ति की सालाना आय कम से कम 1 लाख रुपये होगी। हर व्यक्ति का पक्का मकान होगा। महिलाओं का पूरा सम्मान होगा। गांव विकसित एवं आत्म निर्भर होंगे। प्रदेश में 3 एक्सप्रेस हाईवे होंगे।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज बुधवार को उज्जैन जिले के तराना में नर्मदा क्षिप्रा बहुउद्देशीय उद्वहन सिंचाई परियोजना का भूमिपूजन करने के पश्चात आयोजित कार्यक्रम में ये विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड अध्यक्ष सुरेश आर्य, विधायक श्री अनिल फिरोजिया, श्री अरुण भीमावत, श्री श्याम बंसल, संभागायुक्त श्री एमबी ओझा, आईजी श्री राकेश गुप्ता आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मेरा लक्षय समृद्ध मध्य प्रदेश का निर्माण है। प्रदेश को भारत का नम्बर-1 राज्य बनाएंगे। प्रदेश में गतवर्षों में रोड निर्माण, सिंचाई क्षेत्र विस्तार में उल्लेखनीय कार्य किया गया। मालवा के गिरते जलस्तर को सुधारने के लिए यहां नर्मदा का पानी लाया गया है। नर्मदा से पाइप द्वारा पानी उद्वहन कर लाया जा रहा है। नर्मदा का पानी क्षिप्रा में सफलता पूर्वक लाया गया। अब नर्मदा का पानी कल गंभीर नदी में आ जाएगा। अब नर्मदा क्षिप्रा बहुउद्देशीय उद्वहन सिंचाई परियोजना द्वारा किसानों के खेतों तक नर्मदा का पानी पहुंचाया जाएगा। नर्मदा, गंभीर, कालीसिंध, पार्वती नदियों को जोड़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परसों उज्जैन ज़िले के 27 हज़ार 618 किसानों के खातों में 98 करोड़ 70 लाख रुपये लहसुन तथा 53 करोड़ 78 लाख रुपये प्याज़ के आ जाएंगे।सोयाबीन एवं गेहूं की भी पर्याय राशि किसानों को मिलेगी। किसानों को पसीने का पूरा मूल्य मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि संबल योजना में 200 करोड़ रुपये के बिजली बिल माफ किए गए हैं। हर जाति, समाज को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। अब इस योजना में 5 एकड़ तक के किसानों को लाभ दिया जाएगा। प्रदेश की 2.5 करोड़ आबादी इसमें कवर हो रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 तक कोई झोपड़ी में नहीं रहेगा सबके पक्के मकान होंगे। हर गरीब को अब अच्छे से अच्छा इलाज मिलेगा। मुख्यमंत्री ने मक्सी को तहसील बनाने की मांग के संबंध में कहा कि इस संबंध में परीक्षण कर कार्रवाई करेंगे।
विधायक श्री अनिल फिरोज़िया ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने क्षेत्र के लिए जो-जो घोषणाएं कीं वो पूरी कर दीं। माकड़ौन को तहसील बनाने की घोषणा उन्होंने की है। उन्होंने भावन्तर की राशि किसानों को शीघ्र दिलाने का आग्रह किया।
विकास कार्यों का भूमि पूजन, शिलान्यास किया
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने तराना एवं घटिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 5 उच्चस्तरीय पुलों के निर्माण कार्य लागत रुपए 52.22 करोड़ का भूमि पूजन किया। उन्होंने 416.28 लाख रुपए की लागत के डोगरा गुर्जर तालाब का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत तराना माकड़ौन दुपाड़ा मार्ग लंबाई 38.84 लागत 26 40.85 लाख का पूजन किया। मुख्यमंत्री ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की नल जल योजना ग्राम मंगलिया लागत 46 लाख तथा ग्राम लसूडिया की नल जल योजना 48 लाख का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश पुलिस आवास एवं अधोसंरचना की पुलिस आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत नवनिर्मित रूपाखेड़ी एवं पुलिस थाना भवन घटिया का भी लोकार्पण किया साथ ही उन्होंने नवनिर्मित यातायात पुलिस थाना का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री द्वारा तराना विधानसभा अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के 9 मार्गो लागत 3656.26 लाख लंबाई 49.55 किलोमीटर का भूमि पूजन भी किया। ये मार्ग हैं बरोठिया से पानी वाली मोहड़ी नांदेड़ मोड़, खंडाखेडी से गोपाली, सिद्धिपुर निपानिया से शंकरगर महादेव खोरा, रूपाखेड़ी माकड़ौन से पचोला, मेरगढ़ से खज्जू खेड़ी उमरिया, माकड़ौन से पैतीसा बाजना तराई करोंदिया, कचनारिया से अमरपुरा सामानेरा तथा सुआ गांव से करेडी तथा नांदेड़ से देवली।
क्या है नर्मदा शिप्रा बहुउद्देश्यीय माइक्रो सिंचाई परियोजना?
नर्मदा-शिप्रा बहुउद्देश्यीय माइक्रो सिंचाई परियोजना नर्मदा मालवा लिंक अभियान का महत्वपूर्ण चरण है। इस अभियान के अंतर्गत मालवा के शिप्रा, गंभीर और कालिसींध नदी कछारों तक नर्मदा जल उद्वहन कर ले जाने की परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है। परियोजना पूर्ण होने पर उज्जैन तथा शाजापुर जिलों में 30 हजार हैक्टर सिंचाई कमाण्ड क्षेत्र सृजित होगा। परियोजना से उज्जैन जिले के तराना क्षेत्र के 55 ग्रामों तथा घट्टिया क्षेत्र के 07 ग्रामों को सिंचाई का लाभ मिलेगा। इसी प्रकार परियोजना से उज्जैन जिले के तराना, झंगरा, घट्टिया तथा गुराडिया गुर्जर क्षेत्र के ग्रामों को पेयजल उपलब्ध होगा। साथ ही उज्जैन जिले के उज्जैन एवं नागदा क्षेत्र के उद्योगों भी इससे जल उपलब्ध होगा।
योजना के मुख्य बिन्दु
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परियोजना के लिए ओंकारेश्वर जलाशय से 15 क्यूमेक (15 घनमीटर प्रति सेकण्ड क्षमता) नर्मदा जल उद्वहन किया जाएगा।
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प्रथम पम्पिंग स्टेशन से कुल 497 मीटर जल उद्वहन किया जाकर पांच पम्पिंग स्टेशनों से सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
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जल उद्वहन के लिए लगभग 89 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होगी।
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परियोजना का निर्माण 42 माह की अवधि में पूरा करने का लक्ष्य है।
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परियोजना निर्माण की अनुमानित लागत रु. 2215 करोड 64 लाख होगी।
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परियोजना में कुल 15 घनमीटर प्रति सेकण्ड जल उद्वहन होगा। इसमें से 10 घन मीटर प्रति सेकण्ड सिंचाई के लिए तथा 05 घन मीटर प्रति सेकण्ड पेयजल, उद्योग तथा घाट के लिए उपयोग किया जाएगा।
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जल वितरण प्रणाली भूमिगत पाईप लाईन आधारित होगी। किसान को 2.50 हेक्टेयर चक तक 20 मीटर दाबयुक्त जल मिलेगा, जिससे किसान अपने खेत में ड्रिप या स्प्रिंकलर पद्धति से सिंचाई कर सकेगा।