वल्नरेबल मतदान केन्द्रों का भ्रमण करें सेक्टर आफिसर्स –कलेक्टर
वल्नरेबल मेपिंग का कार्य सतर्कता से किया जाये
विधानसभा निर्वाचन के मद्देनजर सेक्टर आफिसर्स का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
उज्जैन । मंगलवार को विक्रम कीर्ति मन्दिर के ऑडिटोरियम में आगामी विधानसभा निर्वाचन के मद्देनजर सेक्टर आफिसर्स का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह ने प्रशिक्षण के दौरान समस्त सेक्टर आफिसर्स को निर्देश दिये कि वे उज्जैन जिले में जितने भी वल्नरेबल मतदान केन्द्र चिन्हित किये गये हैं, उनका भ्रमण करें और उसकी रिपोर्ट बनाकर पुन: अवगत करायें।
जो मतदान केन्द्र वल्नरेबल की श्रेणी में आ रहे हैं उन पर विशेष ध्यान दिया जाये। वल्नरेबल मेपिंग के दौरान भी विशेष सतर्कता बरती जाये। कलेक्टर ने सेक्टर आफिसर्स को दिये गये विभिन्न फार्म के बारे में भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
प्रशिक्षण के दौरान निर्वाचन पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन किया गया तथा डॉ.संदीप नाडकर्णी और डॉ.विजय सुखवानी द्वारा पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से निर्वाचन से जुड़े विभिन्न विषयों की विस्तारपूर्वक जानकारी सेक्टर आफिसर्स को दी गई।
डॉ.संदीप नाडकर्णी ने बताया कि एक अच्छा सेक्टर आफिसर कैसा होना चाहिये। अच्छे सेक्टर अधिकारी की विशेषता यह होती है कि उसे अपने क्षेत्र की व्यापक जानकारी होती है। वह अपने मतदान केन्द्र के आसपास के क्षेत्र के प्रति संवेदनशील होता है। अपनी टीम को एक सहज वातावरण देता है। उसके अन्दर सहयोग की भावना होती है। वह त्वरित निर्णय लेने में सक्षम होता है। उसे तकनीक और प्रक्रिया की सामान्य जानकारी होती है। एक अच्छा सेक्टर अधिकारी कभी भी अत्यन्त कठोर नहीं होता है तथा हमेशा एक उत्प्रेरक का काम करता है।
प्रशिक्षण के दौरान सेक्टर अधिकारियों को क्या करना चाहिये और क्या नहीं करना चाहिये, इस बारे में भी विस्तारपूर्वक बताया गया। सेक्टर अधिकारियों को बताया गया कि उनका लक्ष्य निष्पक्ष और बाधारहित निर्वाचन सम्पन्न कराने में अपनी सक्रिय भागीदारी देना है। निर्वाचन प्रक्रिया में अपनी ओर से हरसंभव सहयोग देने के लिये तत्पर रहना है।
डॉ.विजय सुखवानी द्वारा पीपीटी के माध्यम से निर्वाचन की विधि-विधायी और सेक्टर आफिसर के बाकी दायित्वों के बारे में जानकारी दी गई। इसमें पूरी निर्वाचन प्रक्रिया, ईवीएम और वीवीपेट, लॉ एण्ड ऑर्डर, आचार संहिता, वल्नरेबिलिटी मेपिंग एवं अन्य महत्वपूर्ण विषयों के बारे में विस्तार से बताया गया। निर्वाचन से जुड़े विभिन्न संक्षिप्त नामों के बारे में भी सेक्टर आफिसर्स को जानकारी दी गई। अधिकारियों को चुनाव के दौरान दी जाने वाली मुख्य मतदान सामग्री के बारे में बताया गया। इसके अलावा मतदान के दौरान होने वाली विशिष्ट परिस्थितियों जैसे- चुनौती/अभ्याक्षेपित मत, निविदत्त मत, मतदाता की आयु की घोषणा, अंधे एवं अशक्त मतदाता के मतदान की प्रक्रिया, मतदान का अतिक्रमण करना, निर्वाचक द्वारा मत न देने का विनिश्चय करना, ईडीसी (निर्वाचन ड्यूटी प्रमाण-पत्र) एवं डाक मतपत्र (पीवी) तथा प्रॉक्सी द्वारा वर्गीकृत सेवा मतदाताओं के मतदान की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई।
सेक्टर अधिकारियों को उनके प्रमुख कर्त्तव्यों और अधिकारों के बारे में भी जानकारी दी गई। मतदान के पूर्व मतदान केन्द्र के सम्बन्ध में उनके दायित्व, मतदान की पूर्व सन्ध्या के दायित्व, मतदाता के सम्बन्ध में दायित्व, मतदान के दिन दायित्व और अन्य अधिकारों के बारे में बताया गया।
सेक्टर अधिकारियों को प्रशिक्षण में बताया गया कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें दिये गये मतदान केन्द्रों तक पहुंच और प्रवेश व्यवस्थित है। यह देखेंगे कि मतदान केन्द्रों पर मूलभूत सुविधाएं हैं। यदि नये मतदान केन्द्र बनाये गये हैं तो उनका व्यापक प्रचार-प्रसार स्थानीय लोगों में करवायेंगे। सेक्टर अधिकारी इस बात की जांच करेंगे कि किसी दल का कार्यालय मतदान केन्द्र की 200 मीटर की परिधि में तो नहीं है। इसके अलावा अनाधिकृत प्रचार वाहन एवं सार्वजनिक भवनों, शासकीय वाहनों आदि के दुरूपयोग पर नजर रखेंगे तथा इसकी रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारी को देंगे। मतदाताओं को उनके मतदान केन्द्रों तथा मतदान सहायता केन्द्रों की जानकारी देंगे।
मतदाताओं को बीएलओ के माध्यम से अपना नाम चेक करने के लिये प्रेरित करेंगे। यह सुनिश्चित करेंगे कि मतदान दल सम्पूर्ण सामग्री के साथ व्यवस्थित मतदान केन्द्र पर पहुंच चुके हैं। मतदान केन्द्रों पर पुलिस दल पहुंच गया है।
समस्त सेक्टर अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि मतदान शुरू होने से पहले मतदान केन्द्र पर बनावटी मतदान प्रक्रिया (मॉकपोल) की जाये। वे अपने केन्द्र का निरीक्षण करेंगे। मतदान प्रारम्भ होने की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। आवश्यकता होने पर मतदान केन्द्र की ईवीएम बदलना भी सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा वल्नरेबल मतदाताओं की पहचान तथा वल्नरेबिलिटी के लिये उत्तरदायी व्यक्तियों की पहचान करेंगे। वल्नरेबिलिटी क्षेत्र में निरन्तर भ्रमण कर मतदाताओं का आत्मविश्वास बढ़ायेंगे।
सेक्टर अधिकारी निर्वाचन के दौरान समय-समय पर आरओ को मतदान प्रतिशत की रिपोर्ट देंगे। मतदान केन्द्रों पर हुई शिकायतों का प्राथमिक समाधान करेंगे। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की सील प्रक्रिया को चेक करेंगे। इसके अलावा मतदान केन्द्र के अन्दर प्रवेश के लिये कौन व्यक्ति अधिकृत है, इसकी जांच करेंगे।
प्रशिक्षण के दौरान सेक्टर अधिकारियों को ईवीएम और वीवीपेट को सील करने के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। इसके अलावा यह भी बताया गया कि मतदान के दिन सेक्टर अधिकारी को सेक्टर मजिस्ट्रेट के पॉवर भी दिये जायेंगे।
नोडल अधिकारी ईवीएम श्री सुनील उदिया द्वारा ईवीएम और वीवीपेट के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि निर्वाचन के दिन सेक्टर अधिकारी अपने मार्गदर्शन में मॉकपोल आयोजित करवायेंगे। इसके अन्तर्गत मॉकपोल के बाद सीआरसी और फिर मॉकपोल किया जायेगा। इस दौरान लगभग 50 वोट मशीन में पड़ेंगे। सेक्टर अधिकारियों को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा तथा इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देनी होगी। अपने फार्म में इसकी इंट्री करना होगी, ताकि उदाहरण के लिये यदि मशीन में 550 वोट पड़े हैं तो गिनती के दिन मॉकपोल के दौरान किये गये 50 वोट को घटा दिया जायेगा।
वीवीपेट के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि इसमें लगभग 1500 पर्चियां गिरेंगी। इसका पेपर रोल एक सीमित लम्बाई का होता है, अत: सेक्टर अधिकारी द्वारा रिहर्सल के दौरान इसका विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग किया जाये। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सेक्टर अधिकारियों को ईवीएम और वीवीपेट पर अभ्यास भी करवाया गया। इस दौरान अपर कलेक्टर श्री दीपक आर्य, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आरपी वर्मा एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद थे।