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श्राद्ध में कदापि प्रमाद नहीं करना चाहिए- गुप्ता



उज्जैन। देवता और पितरों से संबंधित कार्यों में मनुष्य को कदापि प्रमाद नहीं करना चाहिए। श्राद्ध पक्ष अपने पूर्वजों के पुण्य स्मरण का दिन होता है। अतः हर व्यक्ति को अपने दिवंगत माता-पिता और घनिष्ठ संबंधियों का श्रद्धापूर्वक श्राद्ध करना चाहिए। 
उक्त जानकारी उपक्षोन समन्वयक राकेश कुमार गुप्ता ने गायत्री शक्तिपीठ पर प्रथम दिवस के श्राद्ध तर्पण एवं पिंडदान कराते हुए श्रद्धालुओं को दी। आपने श्रद्धालुओं से कहा कि 16 दिन तक रोज तर्पण करना चाहिए। परोपकारियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन के इस पर्व की व्यवस्थाओं को देखने और इसमें सेवा के लिए एक दिन अपने बच्चों को भी लाना चाहिए इससे संस्कार परम्परा अगली पीढ़ी को हस्तांतरित की जा सकती है। प्रचार प्रसार सेवक देवेन्द्र श्रीवास्तव के अनुसार प्रति वर्षानुसार यहाँ पर रोज सुबह 8 से 10 बजे तक निशुल्क तर्पण पिंडदान कराया जा रहा है। माता भगवती देवी शर्मा के महाप्रयाण दिवस के अवसर पर सांयकाल यहां दीपयज्ञ और माताजी द्वारा गाए गए गीतों पर आधारित भजन संध्या हुई, जिसमें स्थानीय महिला मण्डलों की बहिनों ने माताजी को श्रृद्धांजली देते हुए भजन गाए।

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