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उत्तम क्षमा से प्रारंभ हुआ धर्म क्षमा मांगकर होगा समाप्त


 

108 धर्म ध्वजा के साथ चांदी के रथ पर विराजित होकर निकलेंगे श्रीजी

उज्जैन। उत्तम क्षमा से प्रारंभ हुआ महापर्व क्षमा मांगकर होगा समाप्त क्षमा महापर्व की सर्वप्रथम शुरुआत श्री महावीर तपोभूमि से प्रारंभ होगी सुबह 8 बजे से श्री जी का चल समारोह निकलेगा तत्पश्चात श्री जी का अभिषेक शांति धारा एवं मीना दीदी साधना दीदी का प्रवचन 10 उपवास व उपवास करने वालों का पारण एवं प्रतिक्रमण व शिविर में सहयोग करने वाले एवं शिविर में बैठने वालों का सम्मान के साथ क्षमावाणी पर्व मनाया जाएगा तत्पश्चात संपूर्ण लोगों का वात्सल्य भोज तपोभूमि पर होगा।

उल्लेखनीय है कि श्री महावीर तपोभूमि में मुनि श्री प्रज्ञा सागर जी महाराज के आशीर्वाद से मीना दीदी साधना दीदी के सानिध्य में चल रहे श्रावक संस्कार शिविर का सोमवार को सुबह समापन होगा एवं क्षमावाणी पर्व मनाया जाएगा इस दिन प्रतिक्रमण करते हुए पूरे साल मे किये गए पाप और कटू वचन से किसी के दिल को जानते और अनजाने ठेस पहुंची हो तो क्षमा याचना करते है। एक दूसरे को क्षमा करते है और एक दूसरे से क्षमा माँगते है और हाथ जोड कर व गले मिलकर क्षमा मांगते हैं और क्षमा करते हैं समाज सचिव सचिन कासलीवाल ने बताया कि वासु पूज्य भगवान को चढ़ाए निर्वाण लाडू और उत्तम धर्म की पूजा हुई। 

पर्युषण पर्व की चतुर्दशी के दिन रविवार को वासु पूज्य भगवान के मोक्ष कल्याण के अवसर पर निर्वाण लाडू चढ़ाए एवं उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा के साथ-साथ 10 लक्षण धर्म की पूजा वसुपूज्य भगवान की पूजा पार्श्वनाथ भगवान की पूजा सोलह कारण जी की पूजा 24 भगवान की पूजा इत्यादि के साथ भगवान के अभिषेक एवं शांति धारा हुई।

उल्लेखनीय है कि दिगंबर जैन समाज  के पर्यूषण पर्व 14 सितंबर उत्तम क्षमा धर्म से प्रारंभ हुए थे जिसमें उत्तम क्षमा उत्तम मार्दव उत्तम आर्जव उत्तम शौच उत्तम सत्य उत्तम संयम उत्तम तप उत्तम त्याग उत्तम आकिंचन्य उत्तम ब्रह्मचर्य दसलक्षण पर्व पर इन दस धर्मों की दसों दिनों तक पूजा हुई जिस का आज समापन भगवान वासु पूज्य के निर्माण लाडू ओं को समर्पित कर किया गया शाम को सभी मंदिरों में भगवान की विशेष आरती भी हुई एवं बोर्डिंग मंदिर में माता जी और तपोभूमि में दीदी ओके  सानिध्य में दोपहर में धर्म चर्चा शाम को ध्यान एवं सभी दिगंबर मंदिरों में भक्ति मय सांस्कृतिक आयोजन हुआ।

 ब्रह्मचर्य हमें सिखाता है कि भौतिक वस्तुओं का त्याग करें मीना दीदी

तपोभूमि में विराजित मीना दीदी साधना दीदी ने ब्रह्मचर्य धर्म पर प्रवचन देते हुए कहा कि ब्रह्मचर्य हमें सिखाता है कि भौतिक परिग्रहो का त्याग करना।

जरुरत से ज्यादा किसी वस्तु का उपयोग न करना सादगी से जीवन व्यतित करना व जुबान और दिमाग से सबसे ज्यादा इसका ही पालन करते हैं।

शिविर के जिनालय में विराजमान श्री 1008 पार्शनाथ भगवान 1008 वासुपूज्य भगवान के प्रथम अभिषेक करने का सोभाग्य अंकित ओमप्रकाश,कमल यतीन्द्र मोदी एवं शांतिधारा करने का सोभाग्य अंतेश देवी, हेमन्त अंजू गंगवाल एवं स्नेह लता सोगानी सोनिया, आलोक पाटनी, संजय बालमुकुन्द, ओमप्रकाश अर्पित जैन, धर्मेंद्र सेठी, ओमप्रकाश अंजु जैन एवं वासुपूज्य भगवान के मोक्ष कल्याण के अवसर पर निर्माण लाडू चढ़ाने का सौभाग्य सारिका महेश सुपरफार्मा लवीश रुबी सुपरफार्मा एवं शिविर के भोजन कराने सोभाग्य स्नेहलता सोगानी को प्राप्त हुआ।

तपोभूमि पर विशेष रूप से अध्यक्ष अशोक जैन चायवाला, राजेंद्र लुहाड़िया, धर्मेंद्र सेठी, संजय जैन, ओम जैन, शिविर संयोजक रमेश जैन एकता, सारिका जैन, हंस कुमार जैन, सुलोचना सेठी, अंजू ओम जैन, पुष्पराज जैन, विनी भौतिक बखारिया, बाल कल्याण समिति सदस्य विनीता कासलीवाल, सुनील जैन ट्रांसपोर्ट, इंदरमल जैन, विकास सेठी, हितेश जैन, सुशील गोधा आदि संपूर्ण तपोभूमि परिवार प्रज्ञा कलामंच प्रज्ञा बाल मंच प्रज्ञा पुष्पा मंच सभी मौजूद थे।

ब्रह्मचर्य का मतलब अपनी आत्मा में रहना है विदक्षा श्री माताजी

 

शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग में विदक्षा श्री माताजी ने उत्तम ब्रह्मचर्य पर कहा कि श्ब्रह्मश् जिसका मतलब आत्मा, और श्चर्याश् का मतलब रखना, ईसको मिलाकर ब्रह्मचर्य शब्द बना है, ब्रह्मचर्य का मतलब अपनी आत्मा मे रहना है। 

ब्रह्मचर्य का पालन करने से आपको पूरे ब्रह्मांड का ज्ञान और शक्ति प्राप्त होगी और आप मोक्ष के मार्ग पर चलने के लिए प्रशस्त होते हैं और ऐसा न करने पर आप सिर्फ अपनी इच्छाओं और कामनाओ के गुलाम ही हैं। इस अवसर पर बोर्डिंग मंदिर के अध्यक्ष इंदरचंद जैन, तेज कुमार विनायका, ललित जैन, महेंद्र काका लुहाडिया आदि उपस्थित थे। 

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