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मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा परियोजना का शिलान्यास, 27 सितम्बर को तराना में किया जायेगा


नर्मदा-शिप्रा परियोजना से तराना तहसील के 55 ग्राम लाभान्वित होंगे

    उज्जैन । नर्मदा-शिप्रा बहुउद्देशीय परियोजना बनाई गई है। परियोजना से उज्जैन जिले की तराना तहसील के 55 ग्राम लाभान्वित होंगे। इन ग्रामों की 24 हजार 236 हैक्टेयर भूमि सिंचित होगी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान परियोजना का शिलान्यास 27 सितम्बर को तराना में करेंगे।

    परियोजना स्वीकृति में विधायक तराना श्री अनिल फिरोजिया का महत्वपूर्ण योगदान है। श्री फिरोजिया ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के संकल्प की दिशा में सिंचाई विस्तार की जो नवाचारी पहल की जा रही है, उसके फलस्वरूप परियोजना के पूर्ण होने से क्षेत्र के कई किसानों की 24 हजार से अधिक हेक्टेयर क्षेत्र में खेती सिंचित होगी। परियोजना से शाजापुर जिले के शाजापुर व मक्सी के 8 ग्राम, उज्जैन जिले की तराना तहसील के 55 ग्राम तथा घट्टिया तहसील के 7 ग्राम के किसान लाभान्वित होंगे। नर्मदा-शिप्रा बहुउद्देशीय परियोजना के अन्तर्गत नर्मदा नदी पर स्थित ओंकारेश्वर जलाशय से 15 क्यूमेक्स जल उद्वहन किया जायेगा। प्रथम पम्पिंग स्टेशन ग्राम बढेल तहसील बड़वाह के पास निर्मित किया जायेगा। प्रथम पम्पिंग स्टेशन से 01 राइजिंगमेन के द्वारा जल उद्वहित कर अन्य 04 स्थानों पर निर्मित पम्पिंग स्टेशनों के माध्यम से ग्राम भानगढ़ तहसील देवास में निर्मित जंक्शन स्ट्रक्चर में डाला जायेगा। वहां से ग्रेवटी प्रवाह द्वारा नर्मदा का जल उक्त ग्रामों के खेतों तक पहुंचाया जायेगा। जल उद्वहन के लिये लगभग 89 मेगावॉट बिजली की आवश्यकता होगी। परियोजना के लिये 1938 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। परियोजना के निर्माण के लिये एजेन्सी का निर्धारण किया जा चुका है तथा निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है। परियोजना की लागत 1856.70 करोड़ रूपये आंकी गई है और योजना का निर्माण 42 माह की अवधि में पूरा करने का लक्ष्य है।

    योजना के लिये जल का उद्वहन ओंकारेश्वर जलाशय के भराव क्षेत्र से किया जायेगा। इससे 497 मीटर जल उद्वहित कर कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। जल वितरण भूमिगत पाइप प्रणाली पर आधारित होगा। भूमिगत पाइप लाइन से प्रत्येक 2.5 हेक्टेयर चक तक कृषकों को 20 मीटर दबाव पर जल उपलब्ध होगा। दाबयुक्त जल से कृषक ड्रिप या स्प्रिंकलर पद्धति से सिंचाई कर सकेंगे। इस पद्धति से सिंचाई मिलने पर कृषकों को खेत समतल करने की आवश्यकता नहीं होगी। कम पानी से अधिक उपयोगी सिंचाई का लाभ मिलेगा। विधायक श्री फिरोजिया ने बताया कि योजना भूमिगत पाइप लाइन वितरण प्रणाली पर आधारित होने से भूमि का स्थाई अर्जन नहीं होगा। पम्प हाऊस के लिये केवल लगभग 08 हेक्टेयर भूमि के स्थाई अर्जन की आवश्यकता होगी। उक्त योजना से उज्जैन जिले की तराना, घट्टिया, झांगरा, गुराड़िया गुर्जर प्रत्येक को 0.25 क्यूमेक्स पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा।

 

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