मंत्री श्री जैन 23 सितम्बर को उज्जैन में आयुष्मान भारत योजना का शुभारम्भ करेंगे
उज्जैन । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जानकारी दी कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन 23 सितम्बर रविवार को दोपहर 1 बजे सेठी बिल्डिंग जिला चिकित्सालय के कक्ष क्रमांक-4 में भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना का शुभारम्भ करेंगे। इस अवसर पर सांसद प्रो.चिन्तामणि मालवीय, उज्जैन दक्षिण के विधायक डॉ.मोहन यादव एवं अन्य गणमान्य नागरिक भी मौजूद रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री द्वारा 23 सितम्बर को आयुष्मान भारत योजना का शुभारम्भ पूरे देश में किया जायेगा, जिसका सीधा प्रसारण जिला स्तर पर आयोजित उक्त कार्यक्रम में दिखाया जायेगा। इस योजना के अन्तर्गत लगभग 1350 विभिन्न जटिल बीमारियों के पैकेज निर्धारित किये जा चुके हैं। योजना के तहत हर वर्ष हर गरीब परिवार को 5 लाख रूपये का स्वास्थ्य रक्षा कवच पहनाया जायेगा। लाभार्थी को चिन्हित शासकीय अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों एवं चिन्हित निजी अस्पतालों में कैशलेस उपचार की अनुमति होगी। नागरिकों की सुविधा के लिये चिन्हित अस्पतालों में आयुष्मान भारत कियोस्क स्थापित किया गया है तथा आयुष्मान मित्रों की नियुक्ति की गई है।
किसी भी समृद्ध राष्ट्र के लिये अपने नागरिकों की सेहत सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक है। हमारे देश में कई नागरिक आज भी मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हैं। आयुष्मान भारत इस दिशा में एक नई पहल है। इसके माध्यम से सरकार 50 करोड़ वंचित नागरिकों को सरकारी एवं निजी प्रायवेट स्वास्थ्य सुविधाओं के दायरे में लायेगी।
लाभ किसे मिलेगा
आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत जनगणना-2011 के अनुसार गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवारों, मुख्यमंत्री संबल योजना के लाभार्थी परिवारों तथा मुख्यमंत्री खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत पर्चीधारक लाभार्थी परिवारों को लाभ मिलेगा।
उपचार कैसे मिलेगा
लाभार्थियों को जिला अस्पताल में जाकर स्वास्थ्य परीक्षण करवाना होगा। वहां पर चिकित्सक उनकी जांच करके उपचार करेंगे। यदि वह उपचार सरकारी अस्पताल में संभव होगा तो उन्हें वहां भर्ती करा दिया जायेगा और यदि वह इलाज किसी बड़े प्रायवेट अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में ही संभव हुआ तो उन्हें वहां रैफर कर दिया जायेगा।
प्रदेश के लगभग 1 करोड़ 35 लाख परिवारों को इस योजना के अन्तर्गत हर साल 5 लाख रूपये का नि:शुल्क कैशलेस स्वास्थ्य सुरक्षा कवच उपलब्ध कराया जायेगा। इस हेतु जिला मलेरिया अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है।