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आचार्य हीरविजयसूरिश्वर म.सा. की जयंती पर हुई गुणानुवाद सभा


 
उज्जैन। श्री आदेश्वर भगवान की पेढ़ी हीर विजयसूरिश्वर बड़ा उपाश्रय में आचार्य हीरविजयसूरिश्वर म.सा. की जयंती निमित्त गुणगुणानुवाद धर्मसभा का आयोजन आचार्य देव गच्छाधिपति नित्यसेन सूरिश्वर एवं उपप्रवर्तक अक्षयऋषि म.सा. की पावन निश्रा में संपन्न हुई। दीप प्रज्जवलन, माल्यार्पण एवं वासक्षेप पूजन के साथ सभा प्रारंभ हुई जिसमें मंगलाचरण, स्वागत गीत, गुरूभक्ति गीत प्रस्तुत किये। जहां गुरूभगवंतों के प्रवचन हुए तथा धर्मसभा में गुणगुणानुवाद कर आचार्यश्री के जीवन के गुणों का बखान किया गया साथ ही सारगर्भित उद्गार प्रकट किये। तप का आयोजन हुआ तथा प्रभावना वितरित की गई। 
बड़ा उपाश्रय ट्रस्ट के राजेन्द्र बांठिया के अनुसार गुरूवार को हीरविजयसूरिश्वर म.सा. के 407वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ आदिश्वर भगवान की पेढ़ी खाराकुआ पर गच्छाधिपति आचार्य नित्यसेन सूरिश्वर मसा एवं वर्धमान स्थानकवासी श्रावक संघ में विराजित उपप्रवर्तक अक्षय ऋषि म.सा. की पावन निश्रा में हुई। सर्वप्रथम आचार्यश्री के चित्र पर माल्यार्पण कर वासक्षेप पूजन कर दीप प्रज्जवलन कर गुणानुवाद सभा का शुभारंभ हुआ। आचार्यश्री के मुखारबिंद से मंगलाचरण हुआ। तत्पश्चात आदिनाथ महिला मंडल, मरूदेवी सामायिक मंडल, भक्ति बहुमंडल ने मंगलाचरण, स्वागत गीत एवं गुरूभक्ति गीत प्रस्तुत किये। गुरूवंदन राजेश पटनी एवं रखबचंद कंकरेचा आदि ने किया। धर्मसभा में गुरू भगवंत ने कहा कि हमें अपनी आत्मा में झांककर देखना चाहिये, हम कहां है। गुरू के बताये मार्ग पर चलकर उनके द्वारा दिये गये उपदेश को जीवन में उतारकर आत्मा का कल्याण करना चाहिये। हीर विजयसूरिश्वर म.सा. ने अकबर प्रतिबोध देकर हिंसा छुड़वाई, जजियाकर समाप्त करवाया। हमें अपने जीवन में संकल्प लेकर नवसृजन करना चाहिये। धर्मसभा में गच्छाधिपति नित्यसेन सूरिश्वरजी ने कहा कि कितनी बार जन्म मिला, कितने भव प्राप्त हुए, महावीर स्वामी का शासन मिला, सद्गुरू का योग मिला। अज्ञानता का आवरण हटाने के लिए सद्गुरू का योग मिलता है। रागमोह ने हमें जकड़ लिया है और हमें डूबा रहा है। हमारी संतानें क्यों बिगड़ रही है, हमने कभी नहीं सोचा। हमें हमेशा सद्गुरू का योग प्राप्त करना चाहिये। तभी हमारा व आत्मा का कल्याण होगा। आचार्यश्री ने हीरविजय सूरिश्वर म.सा. के जीवन पर विस्तृत प्रकाश डाला व उनके जीवन के अनछुए पहलुओं को प्रकट किया। इस अवसर पर अभिगृह तप की आराधना साध्वी सुरेखा श्री मसा की निश्रा में संपन्न हुई तथा धर्मसभा में राकेश सुभाष नाहटा परिवार द्वारा प्रभावना वितरित की गई। प्रभु की अंगरचना एवं भक्ति के भी आयोजन हुए। इस धर्मसभा में विमल पगारिया, निर्मल सकलेचा, दिलीप ओरा, प्रकाश कंकरेचा, प्रकाश बोथरा, राजेन्द्र पालरेचा, विमलचंद मूथा, रामचंद्र श्रीमाल विशेष रूप से उपस्थित थे। संचालन राजेन्द्र बांठिया ने किया एवं आभार राजेश पटनी ने माना। 

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