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दशलक्षण पर्व का सातवां दिवस उत्तम तप धर्म


 

सुगंध दशमी की धूप से महक उठे जैन मंदिर एवं उत्तम संयम धर्म और धूप दशमी की हुई पूजा
उज्जैन। पर्वाधिराज पर्युषण पर्व के सातवें दिन 20 सितंबर गुरुवार को उत्तम तप धर्म की पूजा की जाएगी एवं दूध रस का त्याग होगा उत्तम तप धर्म के लिए विदक्षा श्री माताजी बोर्डिंग मंदिर एवं मीना दीदी ने तपोभूमि में कहा कि ‘तप चाहै सुरराय, करम शिखर को वज्र ळें देवता लोग भी संयम धारण कर तपश्चरण के लिए तरसते हैं क्योंकि तपश्चरण कर्म रूपी विशाल पर्वत को नष्ट करने हेतु वज्र के समान है। यह जीव अनादि काल से तरह-२ की पर्यायों में भटकता रहा। भिन्न भिन्न निकृष्ट पर्यायों को धारण करने के उपरांत यह दुर्लभ मनुष्य जीवन धारण किया। विषय कषायों को त्यागना दुर्लभ से दुर्लभ है, जो तपश्चरण करता है वह इनका त्याग रखता है तप आत्मा को शुध्द करता है। भारतीय संस्कृति में तप का विशेष महत्व है इच्छाओं का निरोध करना ही तप है जीवन को पवित्र बनाने कर्माे की निर्जरा हेतु तप के मार्ग को अपनाना चाहिए। 
समाज सचिव सचिन कासलीवाल ने बताया कि बुधवार को धूप दशमी (सुगंध दशमी) का पर्व श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने उपवास रखा और सभी जैन मंदिरों में श्रद्धालु ने धूप खेई गई। श्रद्धालुओं ने मंदिरों में धूप खेकर भगवान से स्वस्थ रहने और अपने अंदर व्याप्त बुराइयां समाप्त करने की प्रार्थना की। जिससे बुरे कर्मों का क्षय हो और मोक्ष की ओर अग्रसर हो सके। दिगंबर जैन समाज के कई मंदिरों में मंडल विधान की रचनाओं की झांकी भी सजाई गई। शाम को हुई आरती में काफी श्रद्धालुओं ने भाग लिया। जिन महिलाओं को उपवास करते 10 साल हो गए उन्होंने सुगंध दशमी के व्रत का उजन भी किया।
श्री महावीर तपोभूमि मैं तपोभूमि प्रणेता मुनि श्री प्रज्ञा सागर जी महाराज के आशीर्वाद से साधना दीदी और मीना दीदी के सानिध्य में जो श्रावक संस्कार शिविर चल रहा है के अंतर्गत शिविरार्थियों को गाड़ियों से शहर के सभी दिगंबर जैन मंदिर के दर्शन कराने के लिए ले जाया गया सभी ने शुद्ध वस्त्र पहनकर मंदिरों में दर्शन किए एवं धूप खेई महिलाओं ने शिविर की साड़ी तो पुरुषों ने धोती पंछो में बड़े भक्ति भाव से में दर्शन किए वही तपोभूमि पर बुधवार को मीना दीदी ने प्रवचन में कहा कि मनुष्य संयम धारण कर सकता है, इसलिए समस्त जीवों में वह श्रेष्ठ है।संयम को हम बंधन कह सकते हैं। लेकिन यह बंधन सांसारिक प्राणी के लिए दुखदाई नहीं वरन् दुखों से छुटकारा दिलाने वाला है। 
धूप दशमी के अवसर पर तपोभूमि में श्री जी का प्रथम कलश का लाभ कमल शारदा, यतीन्द्र डाली मोदी व शांति धारा का सुगंधचन्द रूपेश विजेन्द्र धर्मेन्द्र धीरेन्द्र सेठी परिवार एवं  अभिषेक का लाभ क्रमशः रमेश मीना एकता, प्रमीत प्रियंका का मोदी, तिलका बाई ताराचंद सोगानी एवं शिविरार्थियों को गाड़ी से घुमाने का लाभ सारिका लविश रूबी दिनेश जैन सुपरफार्मा व शिविरार्थियों को भोजन कराने का लाभ स्नेह लता सोगानी को प्राप्त हुआ। शिविर में विशेष रूप से सहयोग करने के लिए अशोक जैन चायवाला, राजेंद्र लुहाड़िया, धर्मेंद्र सेठी, संजय जैन, पुष्पराज जैन, विमल जैन, सुलोचना सेठी, अंजू ओम जैन, विकास सेठी, सुनील जैन ट्रांसपोर्ट, हेमंत गंगवाल, दीपक जैन, चंदा गिरीश बिलाला आदि ने किया। संपूर्ण पूजा अभिषेक शांतिधारा श्ररियस जैन ने कराई एवं संगीत में  भक्ति के साथ पूजा बाल कल्याण समिति के सदस्य विनीता कासलीवाल, अंजू जैन, मोनिका सेठी, सोनिया जैन ने कराई एवं निर्जला उपवास तिलका देवी सोगानी, सुलोचना जैन, चंद्रकांता जैन, ओम भैया, लता जैन विशेष भक्ति का आयोजन हुआ एवं शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ।
संसारिक प्राणी को संयम का पालन करना जरूरी है विदक्षा श्री माताजी
शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग में विदक्षा श्री माता जी ने संयम धर्म पर कहा कि संयमित व्यक्ति संसार में हर सुख को प्राप्त करता है यहां तक की भगवान बनने की क्षमता भी संयम धर्म के पालन से की जा सकती हैं प्राणियों की रक्षा करना प्राणी संयम है। व पंचेन्द्रिय विषयों से विरक्ति और मन की आकांक्षाओं पर नियंत्रण इन्द्रीय संयम है। इसीलिए सांसारिक प्राणी को संयम का पालन करना जरूरी है। जो इंद्रिय पर विजय प्राप्त कर लेता है, वह निर्वाण प्राप्त कर सकता है
बोर्डिंग मंदिर के अध्यक्ष इंदर चंद जैन महेंद्र लुहाड़िया तेज कुमार विनायका आदि लोग मौजूद थे। नयापुरा दिगंबर जैन मंदिर और जयसिंह पुरा दिगंबर जैन मंदिर में क्षेत्रपाल बाबा की विशेष आरती की गई।

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