मास्टर ट्रेनर्स निर्वाचन की समस्त प्रक्रियाओं को अच्छे से समझें और कार्य में सतर्कता बरतें
राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स ने प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया
उज्जैन | कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह ने बुधवार 19 सितम्बर को दोपहर विक्रम कीर्ति मन्दिर में विधानसभा निर्वाचन 2018 मास्टर ट्रेनर्सों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेकर मास्टर ट्रेनरों को निर्देश दिये कि निर्वाचन की प्रक्रिया को अच्छे से समझें और निर्वाचन के कार्य में पूरी सतर्कता बरतें। मास्टर ट्रेनर्स को अगर कुछ समझ में नहीं आती है तो वह नि:संकोच अपने ट्रेनर से इस बारे में पूछें। हमें निर्वाचन सम्बन्धी छोटी से छोटी बात को भी समझना होगा।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह ने कहा कि यह प्रशिक्षण अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इस बार निर्वाचन आयोग प्रशिक्षण को रिकार्ड कर रहा है। इसलिये मास्टर ट्रेनर्स पूरी सावधानी रखें। बैलेट यूनिट एवं बैलेट कंट्रोल तथा वीवीपेट की प्रक्रिया को अनिवार्य रूप से समझें और समझी गई बातों को अपने निचले स्तर के प्रशिक्षुओं को समझायें।
प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री संदीप जीआर ने भी मास्टर ट्रेनरों को निर्वाचन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी और कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त करना हमारे लिये महत्वपूर्ण है। उन्होंने मास्टर ट्रेनर्स से कहा कि ईवीएम की प्रथम प्रक्रिया से अन्त तक की प्रक्रिया के तरीके को अच्छे से समझा जाये।
प्रशिक्षण में राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स डॉ.संदीप नाडकर्णी ने प्रशिक्षणार्थियों को जानकारी दी कि लोकतंत्र के महायज्ञ की शुरूआत प्रशिक्षण से हो गई है। प्रशिक्षण में बताया गया कि आज जो मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, वे पीठासीन अधिकारियों एवं मतदान अधिकारी क्रमांक-1, 2 एवं 3 को प्रशिक्षण देंगे। मास्टर ट्रेनर्स तन्मयता के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करें। डॉ.नाडकर्णी ने प्रशिक्षण की आवश्यकता, कार्यक्रम की आवश्यकता, लक्ष्य और प्रशिक्षु की आवश्यकता निर्वाचन के कार्य में क्यों पड़ती है, इस बारे में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि इस बार जिले में 1500 से अधिक मतदान केन्द्र रहेंगे। निर्वाचन की प्रक्रिया में लगभग 15 हजार से 20 हजार तक अधिकारी-कर्मचारी लगेगें। इन समस्त अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जायेगा। बिना व्यवधान के हमें प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित करना है। डॉ.नाडकर्णी ने निर्वाचन की आवश्यक तैयारी जैसे- ट्रेनीज का चयन, स्थान का चयन, स्थान का वातावरण, व्यवस्थित बैठक, विषय सामग्री, सहायक सामग्री आदि के बारे में बताया। मास्टर ट्रेनर्स के लिये यह जरूरी नहीं कि वे व्याख्याता हों, विशेषज्ञ हों, जरूरी यह है कि वे प्रशिक्षण में दी गई जानकारी को अच्छे से समझ सके और निर्वाचन में सौंपे हुए कार्य को पूरा कर सके। मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षणार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान कर सके, इसलिये जरूरी है कि वे आत्मविश्वास के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करें।
प्रशिक्षण में डॉ.नाडकर्णी ने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि निर्वाचन की प्रक्रिया में सबकी सहभागिता होना आवश्यक है। जिन मास्टर ट्रेनर्सों का चयन किया गया है। इनमें टीचर, ट्रेनर एवं फेसिलेटर के गुण हैं, तभी उनका चयन किया गया है। हमारा लक्ष्य निर्वाचन के कार्य को समझना और समझे गये कार्य को अन्य को समझाना है। हमें सम्पूर्ण निर्वाचन की प्रक्रिया की व्यापक जानकारी प्राप्त करनी है। उन्होंने बताया कि हमारी एक कमजोर कड़ी निर्वाचन व्यवस्था को ध्वस्त कर देगी, इसलिये हमें कमजोर कड़ी की पहचान कर उसे मजबूत करना है।
प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर्सों को विधि का प्रशिक्षण डॉ.विजय सुखवानी ने तकनीकी प्रशिक्षण श्री सुनील उदिया तथा ईवीएम/वीवीपेट का प्रशिक्षण डॉ.अखंड एवं डॉ.सुखवानी ने विस्तार से दिया। प्रशिक्षण के दौरान कलेक्टर श्री मनीष सिंह, जिला पंचायत सीईओ एवं प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी श्री संदीप जीआर, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आरपी वर्मा तथा 170 मास्टर ट्रेनर्स उपस्थित थे।