आज 17 सितंबर सोमवार को उत्तम शौच धर्म के साथ प्रारंभ होगा पर्युषण महापर्व का चौथा दिन
उत्तम आर्जव धर्म सिखाता है सरल स्वभाव होना मनुष्य असंख्य गुणों से निर्मित होता है
उज्जैन। पर्वाधिराज पर्युषण पर्व मैं रविवार को उत्तम आर्जव धर्म की पूजा हुई तो सोमवार 17 सितंबर को उत्तम शौच धर्म की पूजा होगी श्री महावीर तपोभूमि पर पर्वाधिराज पर्युषण पर्व के दसों दिनों तक चल रहे शिविर में शिविरार्थियों संपूर्ण व्यवस्था श्री महावीर तपोभूमि ट्रस्ट द्वारा की जा रही है। सुबह 5.30 बजे से ही शिविरार्थियों धार्मिक यात्रा प्रारंभ हो जाती है जिसमें सर्वप्रथम भगवान की वंदना श्री जी की शांति धारा अभिषेक पूजा पाठ मीना दीदी साधना दीदी के प्रवचन तत्पश्चात सुबह का भोजन एवं कुछ देर विश्राम के बाद दोपहर में धर्मों का वचन तो शाम को अल्प आहार व पुनः मीना दीदी के प्रवचन के साथ श्री जी की भक्ति में आरती एवं शिविरार्थियों के कुछ कार्यक्रम आज इंदौर से आई मीना दीदी में शिविरार्थियों को आर्जव धर्म पर समझाते हुए कहा कि हर व्यक्ति को सरल स्वभाव ही होना चाहिए। जिस परिवार में लोक सरल स्वभाव ही होते हैं वहां भगवानों के वास के साथ-साथ लक्ष्मी जी का वास होता है कपट करने वाले व्यक्ति और चोरों का कभी परिवार पनप नहीं पाता है। वह अपने साथ-साथ अपने लोगों का भी नुकसान करता चला जाता है।
समाज सचिव सचिन कासलीवाल के अनुसार तपोभूमि के संपूर्ण मन्दिर में अभिषेक एवं शांतिधारा करने का सौभाग्य क्रमशः आशा मोतिरानी, वीरसेन जैन विमल छाबड़ा इंदौर एवं विकास तोषी सेठी व सुनील जी ट्रांसपोर्ट हितेश मनीषा जैन एवं शिविर के भोजन की व्यवस्था में स्नेह लता सोगानी सलोचना सेठी अंजू जैन धर्मेंद्र सेठी संजय जैन राजेंद्र लुहाडिया सागर जैन जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य विनीत कासलीवाल हंस कुमार जैन ओम जैन आदि ने किया।
शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग में विदक्षा श्री माताजी ने आर्जव धर्म को समझाते हुए कहा कि मन में हो सो वचन उतरिए वचन होए सो तन से करिए मनुष्य को हमेशा हमेशा जैसा है वैसा रहना चाहिए जो उसके मन में हैं वैसा ही जीवन उसको बाहर जीना चाहिए। छल और कपट कभी भी मनुष्य को अच्छा नहीं बना सकते मोक्ष मार्ग पर चलने का तीसरा बड़ा धर्म आर्जव धर्म है जिसे संपूर्ण मानव जाति को मानना चाहिए। कपट के भ्रम में जीना दूखी होने का मूल कारण है आजॅव धर्म हमें सिखाता है कि मोह-माया, बूरे कर्म सब छोड छाड कर सरल स्वभाव के साथ परम आनंद मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं वही शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग में आज विशेष रूप से इंदचंद जैन हीरालाल बिलाला राजेश जैन लाल उज्जैन महेंद्र लुहाड़ियां आदि थे।
पर्युषण के चौथे दिन 17 सितंबर सोमवार को उत्तम शौच धर्म की पूजा होगी एवं सोमवार को हरे का रस का त्याग होगा समाज के सचिव सचिव कासलीवाल ने बताया कि शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग में विदक्षा श्री माताजी ने एवं श्री महावीर तपोभूमि पर मीना दीदी ने उत्तम शौच धर्म के लिए कहा कि संतोषी प्राणी सदा सुखी होता है जो मनुष्य अपना जीवन संतोष में रहकर गुजार देता है वह निश्चित तौर पर भगवान बनने की राह पर निकल पड़ता है मन और आत्मा की शुद्धि के लिए शौच धर्म आवश्यक है चिज की इच्छा होना ईस बात का प्रतीक की हमारे पास वह चिज नहीं है तो बेहतर है की हम अपने पास जो है उसके लिए परमात्मा का शुक्रिया अदा करे और संतोषी बनकर उसी में काम चलाये। भौतिक संसाधनों और धन दौलत में खूशी खोजना यह महज आत्मा का एक भ्रम है।
उत्तम शौच धर्म हमें यही सिखाता है कि शुद्ध मन से जितना मिला है उसी में खूश रहो परमात्मा का हमेशा शुक्रिया मानों और अपनी आत्मा को शुद्ध बनाकर ही परम आनंद मोक्ष को प्राप्त करना मुमकिन है।
शहर के संपूर्ण दिगंबर जैन मंदिरों में शांति धारा अभिषेक 10 लक्षण धर्म की पूजा एवं प्रवचन के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर लक्ष्मी नगर, श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर लक्ष्मी नगर, सेठी नगर श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर पुरानी सब्जी मंडी फ्रीगंज, श्री सीमंधर जैन मंदिर क्षीर सागर, श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर ऋषि नगर, नयापुरा दिगंबर जैन मंदिर एवं नमक मंडी दिगंबर जैन मंदिर, इंदिरा नगर दिगंबर जैन मंदिर, चिमनगंज दिगंबर जैन मंदिर एवं विनोद मिल दिगंबर मंदिर आदि मैं भी धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए।