पोषण को जन-आंदोलन बनाना समय की माँग, पोषण एक्शन प्लान का क्रियान्वयन 25 सितम्बर से
नीति तथा कार्य पद्धति निर्धारण के लिए हुई कार्यशाला
उज्जैन । महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा है कि पोषण वर्तमान समय में समाज के सभी वर्गों के लिए बड़ी चुनौती है। गाँवों के साथ-साथ शहरों में भी पोषण की कमी का प्रभाव अलग-अलग रुपों में देखने को मिल रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प के अनुसार सितम्बर माह में पोषण को जन-आंदोलन बनाने के लिए विभिन्न जागरुकता गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। पोषण को जन-आंदोलन बनाना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि जिन मुद्दों को समाज स्वीकार करता है, वही विषय जन-आंदोलन का रुप लेते हैं। सरकार केवल उत्प्रेरक हो सकती है। इस दृष्टि से पोषण के लिए की जाने वाली गतिविधियों को क्रियान्वित करना है। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि प्रसाद से पोषण, तेरी थाली-मेरी थाली, लालिमा अभियान, हाँ मैंने माँ का दूध पिया है, ''घर में जो भी खाना है-उसे बच्चे को खिलाना है'', पंचवटी से पोषण आदि अभियान इसी दिशा में किये जा रहे प्रयास हैं। महिला बाल विकास मंत्री ने कहा कि धर्म गुरु और राजनैतिक दल भी पोषण पर जागरुकता लाने का दायित्व निभाएँ।
श्रीमती चिटनिस पोषण समृद्ध कृषि और पोषण जागरूकता पर भविष्य की नीति तथा कार्य पद्धति निर्धारित करने के लिए शनिवार को वात्सल्य भवन में कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं। श्रीमती चिटनिस ने बताया कि समुदाय स्तर पर क्रियान्वित की जाने वाली गतिविधियों पर 22 सितम्बर को एक्शन प्लान प्रस्तुत किया जाएगा और पंडित दीनदयाल उपध्याय जी की जयंती 25 सितम्बर से प्रदेश में इस एक्शन प्लान का क्रियान्वयन किया जाएगा।
भोपाल डिक्लेरेशन के संदर्भ में विभिन्न विभागों तथा स्टेक होल्डर्स के समन्वय से पोषण प्रबंधन की रणनीति विकसित करने और पोषण जागरूकता में मीडिया की भूमिका तथा समुदाय की सहभागिता पर कार्यशाला में चर्चा हुई। मुख्यतः जिन बिन्दुओं पर विचार साझा किये गये, उनमें पोषण संवेदी कृषि और खाद्य सुरक्षा, उपयुक्त नीति निर्माण और प्रबंधन, खाद्य उत्पादन और ग्राम स्तरीय व्यापार गतिविधियां, माँ और बच्चे के पोषण स्तर में सुधार, स्तनपान और ऊपरी आहार, पोषण जागरुकता शामिल हैं।