देश की अर्थव्यवस्था का आधार हैं किसान –सांसद प्रो.मालवीय
मुख्यमंत्री स्वयं किसान के बेटे,
उन्हें किसानों की रहती है सदैव चिन्ता –ऊर्जा मंत्री श्री जैन
बलराम जयन्ती के अवसर पर कृषक जागरूकता शिविर
और कृषि विपणन पुरस्कार कार्यक्रम आयोजित
उज्जैन । शनिवार को चिमनगंज मंडी के प्रांगण में बलराम जयन्ती के अवसर पर कृषक जागरूकता शिविर और कृषि विपणन पुरस्कार कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन थे। अध्यक्षता उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र के सांसद प्रो.चिन्तामणि मालवीय ने की। इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को अपनी आय दोगुनी करने और कृषि सम्बन्धी विभिन्न मुद्दों के बारे में विस्तार से बताया गया।
कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष श्री बहादुरसिंह बोरमुंडला ने कहा कि यह शिविर प्रतिवर्ष बलराम जयन्ती पर आयोजित किया जाता है। पुरस्कार वितरण से हमारे किसानों को प्रेरणा मिलती है और उत्साह और खुशी का वातावरण भी निर्मित होता है। नर्मदा जयन्ती पर भी यह कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। आज किसानों को नर्मदा जयन्ती और बलराम जयन्ती दोनों के पुरस्कार एकसाथ दिये जायेंगे। इसमें लकी ड्रॉ के माध्यम से एक किसान को 35 एचपी का ट्रेक्टर बतौर बम्पर ड्रॉ, 2 किसानों को 21-21 हजार रूपये की राशि, 6 किसानों को 15-15 हजार रूपये की राशि और 8 किसानों को 5-5 हजार रूपये की राशि लकी ड्रॉ के माध्यम से दी जायेगी। कृषि उपज मंडी में किसानों की सुविधा के लिये निरन्तर विकास किया जा रहा है। प्रदेश की यह पहली ऐसी मंडी होगी, जहां वाटर हार्वेस्टिंग भी की जायेगी।
सांसद प्रो.मालवीय ने इस अवसर पर कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का आधार हमारे किसान हैं। प्रदेश और देश की आर्थिक उन्नति किसानों के इर्दगिर्द ही घूमती है। किसान दिन-रात मेहनत करके अनाज उगाते हैं। यह बड़े हर्ष का विषय है कि बलराम जयन्ती के अवसर पर किसानों के लिये शिविर और पुरस्कार वितरण कार्यक्रम किया जा रहा है। समय-समय पर लकी ड्रॉ के माध्यम से पुरस्कार मिलने पर किसानों में खुशी की लहर दौड़ पड़ती है और उनमें उमंग और उत्साह की भावना जागृत होती है।
मंत्री श्री पारस जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं किसान के बेटे हैं। किसानों की चिन्ता सदैव उन्हें रहती है। सभी वर्गों को ध्यान में रखकर उन्होंने संबल योजना बनाई है। शासन द्वारा 2 हजार रूपये प्रति क्विंटल के मान से गेहूं खरीदा है। पिछले वर्ष की भी 200 रूपये प्रति क्विंटल बोनस राशि किसानों को दी गई है। सन 2022 तक सरकार का किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य है। किसानों को बिजली पर शासन द्वारा 31 हजार रूपये की सब्सिडी दी जा रही है। जिन किसानों की 5 एकड़ से कम जमीन हो वे भी संबल योजना के अन्तर्गत पात्रता रखते हैं। अगर उन्होंने इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, तो तुरन्त करायें।
सरकार सदैव किसानों की ऋणी रही है। किसानों की कड़ी मेहनत के कारण ही मध्य प्रदेश को लगातार पांचवी बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है। मुख्यमंत्री ने यह पुरस्कार प्रदेश के किसानों के नाम किया है। अब तक फसल बीमा योजना के अन्तर्गत 370 करोड़ रूपये की राशि किसानों को बांटी गई है। सरकार द्वारा सबका साथ सबका विकास किया जा रहा है। एक के बाद एक निरन्तर सौगात दी जा रही है। मंत्री श्री जैन ने कहा कि यह चिमनगंज मंडी दरअसल चारपहियों की एक गाड़ी है। इसमें प्रमुख पहिया किसान, दूसरा हम्माल, तीसरा व्यापारी और चौथा मंडी समिति का कर्मचारी है। सभी को आपसी समन्वय से काम करना चाहिये, तभी यह मंडी तेज गति से दौड़ेगी। मंत्री श्री जैन ने पुरस्कृत हो रहे किसानों को अपनी ओर से बधाई और शुभकामनाएं दीं।
उप संचालक कृषि श्री सीएल केवड़ा ने किसानों से कहा कि वे रबी सीजन में परम्परागत फसल के स्थान पर दूसरी फसल जैसे सरसों और चना तथा अलसी भी लगा सकते हैं। इससे भी उन्हें बहुत लाभ होगा। इस वर्ष उज्जैन में औसत से बारिश थोड़ी कम हुई है, इसीलिये पानी की कमी है। किसान जैसे ही अपनी फसल काटें तुरन्त उसकी जुताई कर दें और पाटा चला दें, ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे। जो किसान खरीफ के अन्तर्गत अपना पंजीयन करवा रहे हैं, यदि केन्द्र पर भीड़ अधिक होने के कारण उनका पंजीयन नहीं हो पा रहा है तो वे घबरायें नहीं, धैर्य रखें। पंजीयन की तिथि आगे बढ़ाने की संभावना भी हो सकती है।
श्री बीएस वर्मा ने किसानों को कृषक कल्याण योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलवाना है। मंडियों में राष्ट्रियकृत कृषि बाजार का शुभारम्भ किया गया है। किसान भाई आज ही बाजार के अन्तर्गत अपना पंजीयन करायें। कृषि उपज मंडी में आते समय वे अपने साथ बैंक पासबुक और आधार कार्ड की फोटोकापी और मोबाइल नम्बर लेकर आयें तथा मंडी में स्थित ईएनएएम कार्यालय में सम्पर्क करें।
कृषि वैज्ञानिक श्री बीएस तोमर ने किसानों को कम पानी में अधिक होने वाली गेहूं की विभिन्न प्रकार की नस्लों के बारे में बताया। इसके अलावा चने को सूखने से बचाने के लिये उसे गर्ड एवं रेज्डबेड पद्धति से बोने के उपाय बताये। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि काबुली चने में डॉलर के स्थान पर आरएसडी 973 चने की नस्ल बोयें। इसका दाना पाला पड़ने पर जलता भी नहीं है। श्री तोमर ने बताया कि चने का भाव उसके आकार पर भी निर्भर करता है। इसके अलावा किसान सबसॉइलर यंत्र का उपयोग करें, जिससे जमीन के ठीक नीचे नालियां बनेंगी और बारिश के दौरान पानी अधिक समय तक रूक सकेगा।
उद्यानिकी के श्री सुभाष श्रीवास्तव ने बताया कि रबी के मौसम में उद्यानिकी की प्रमुख फसल आलू, प्याज और लहसुन है। किसान फसलों की विविधता पर ध्यान दें। परम्परागत फसल के स्थान पर अपनी जमीन के छोटे-छोटे हिस्सों में समानान्तर रूप से अलग-अलग फसलें उगायें। इसके अलावा श्री श्रीवास्तव ने हाइब्रिड बीजों से पौधे तैयार करने के बारे में भी किसानों को विस्तार से बताया तथा कहा कि अपनी फसलों में कीटनाशक का प्रयोग कम करें तथा जैविक खाद का प्रयोग अधिक से अधिक करें।
इस दौरान श्री इकबालसिंह गांधी, श्री ओम जैन, श्री रामसिंह जादौन, श्री भंवरसिंह राठौर एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।