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विधानसभा निर्वाचन हेतु मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मीडिया मॉनिटरिंग कमेटी गठित


 

आज भोपाल में होगा नोडल अधिकारी एवं जनसम्पर्क अधिकारियों का प्रशिक्षण

    उज्जैन ।  निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विधानसभा निर्वाचन 2018 के लिए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह द्वारा जिला स्तर पर  मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मीडिया मॉनिटरिंग कमेटी (MCMC) का गठन कर दिया गया है। यह कमेटी पेड न्यूज पर निगरानी रखेगी साथ ही किसी भी राजनौतिक दल द्वारा निर्वाचन के दौरान राजनौतिक प्रकृति के विज्ञापनों का दूरदर्शन, निजी चैनल एवं केबल नेटवर्क पर जारी करने के पूर्व विज्ञापनों का प्रमाणीकरण करेगी। इस सिसलसिले में कमेटी के नोडल अधिकारी एवं जनसम्पर्क अधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण 15 सितम्बर को प्रात: 9.30 बजे से भोपाल में प्रशासनिक अकादमी में आयोजित किया गया है।

निर्वाचन के दौरान विज्ञापन जारी करने के पूर्व प्रमाणीकरण आवश्यक

चुनाव आयोग में पंजीकृत राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पार्टी के उम्मीदवार विज्ञापन जारी करने के तीन दिवस पूर्व एवम अपंजीकृत राजनीतिक दल के उम्मीदवार 7 दिन पूर्व अपना आवेदन एम.सी.एम.सी. को प्रस्तुत करेंगे। आवेदन के साथ प्रस्तावित विज्ञापन की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी के साथ ट्रांस स्क्रिप्ट, विज्ञापन निर्माण में किया गया व्यय, विज्ञापन टेलीकास्ट करने में लगने वाले अनुमानित व्यय का ब्यौरा,  विज्ञापन कितनी बार टेलीकास्ट होगा आदि का विवरण  प्रस्तुत करना होगा।

   एम.सी.एम.सी. सभी प्रकार के विज्ञापनों की छानबीन करने के साथ ही यह सुनिश्चित करेगी कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आने वाले विज्ञापनों का सर्टिफिकेशन करवाया गया है या नहीं। इसी के साथ राजनीतिक प्रकृति के अन्य मीडिया में जारी होने वाले विज्ञापनों की मॉनिटरिंग करेगी। स्टार प्रचारकों द्वारा उम्मीदवार के पक्ष में किए जा रहे प्रचार प्रसार के प्रभाव के अध्ययन के साथ ही प्रिंट मीडिया में जारी होने वाले उम्मीदवारों के विज्ञापनों की छानबीन एवं उस पर किए गए व्यय राशि की गणना कर उसे निर्वाचन व्यय में जुड़वाएगी। प्रिंट मीडिया में यदि विज्ञापन छपता है और बिना उम्मीदवार की सहमति के छापा जाता है तो प्रकाशक के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता 171 एच के तहत कार्रवाई की जा सकेगी। सभी प्रकार के इलेक्शन पंपलेट, हैंडबिल एवं अन्य विवरणिका पर प्रकाशक के नाम एवं सामग्री की संख्या के विवरण की जांच लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा127 ए  के तहत एम.सी.एम.सी. द्वारा की जाएगी।

    जिला स्तरीय एमसीएमसी विज्ञापनों के प्रमाणीकरण करने से इस आधार पर इंकार कर सकती है कि वह प्रसारण योग्य नहीं है। जिला स्तरीय एम.सी.एम.सी. के फैसले के विरुद्ध राज्यस्तरीय एम.सी.एम.सी.में संबंधित उम्मीदवार द्वारा अपील की जा सकेगी। राज्य स्तरीय एम.सी.एम.सी.का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के 13 अप्रैल 2004 के निर्णय अंतर्गत बंधनकारी होगा। 

सोशल मीडिया के लिए भी प्री सर्टिफिकेशन आवश्यक

           सोशल मीडिया वेबसाइट्स जिनको की आयोग द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के रूप में परिभाषित किया गया है, पर भी मीडिया सर्टिफिकेशन का नियम लागू होता है। सोशल मीडिया में जारी होने वाले विज्ञापनों का भी प्री सर्टिफिकेशन अनिवार्य किया गया है।

पेड न्यूज

    एम.सी.एम.सी. द्वारा पेड न्यूज रोकने का कार्य भी किया जाएगा। पेड न्यूज को प्रेस कौंसिल ऑफ इंडिया द्वारा परिभाषित करते हुए बताया गया है कि ऐसा समाचार या विश्लेषण जो प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पैसे देकर या वस्तु देकर छपवाया गया हो, को पेड न्यूज माना जाएगा।

पेड न्यूज पर रोक कैसे लगाई जाए

पेड न्यूज को रोकने के लिए वर्तमान तंत्र के माध्यम से पेड न्यूज छपवाने के व्यय की गणना कर उसे संबंधित उम्मीदवार के निर्वाचन व्यय में जोड़ा जाएगा। आम जन को पेड न्यूज के बारे में जानकारी दी जाएगी तथा सभी स्टेक होल्डर, राजनैतिक दलों एवं मीडिया को इसके बारे में अवगत कराया जाएगा।

पेड न्यूज के मामले में जिला स्तरीय एम.सी.एम.सी. का दायित्व

जिला स्तरीय एम.सी.एम.सी. द्वारा प्रिंट मीडिया/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित/प्रसारित होने वाली पेड न्यूज का चिन्हांकन कर उक्त पेड न्यूज के व्यय की गणना डी.ए.वी.पी./डी.पी.आर दरों के आधार पर की जाकर मूल्य निर्धारण किया जाएगा। पेड न्यूज का मूल्य संबंधित उम्मीदवार के निर्वाचन व्यय में जोड़ने हेतु संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर को भेजा जाएगा। इस नोटिस की एक प्रति व्यय प्रेक्षक को भी भेजी जाएगी।

जिला स्तरीय एम.सी.एम.सी. के पत्र के आधार पर संबंधित रिटर्निंग अधिकारी पेड न्यूज के प्रकाशन अथवा प्रसार के 96 घंटे के भीतर संबंधित उम्मीदवार को इस आशय का नोटिस जारी करेगा कि क्यों न उक्त न्यूज/विज्ञापन को पेड न्यूज स्वीकार करते हुए उसकी गणना की गई राशि उनके निर्वाचन व्यय में जोड़ी जाए। उम्मीदवार अथवा पार्टी के प्रतिनिधि द्वारा दिए गए जवाब पर एम.सी.एम.सी. अपने अंतिम निर्णय से उम्मीदवार को अवगत कराएगी। ऐसे प्रकरणों में जिसमें उम्मीदवार नोटिस प्राप्ति के 48 घंटे के बाद भी यदि जवाब प्रस्तुत नहीं करता है तो एम.सी.एम.सी. का निर्णय अंतिम माना जाएगा। जिला स्तरीय एम.सी.एम.सी. का निर्णय यदि उम्मीदवार को अमान्य हो तो वह 48 घंटे के भीतर राज्यस्तरीय एम.सी.एम.सी. को अपील कर सकेगा। इसकी सूचना उम्मीदवार द्वारा जिला स्तरीय एम.सी.एम.सी. को देनी होगी। राज्यस्तरीय एम.सी.एम.सी. अपील का निर्णय, अपील प्राप्त होने के 96 घंटे के भीतर करेगी एवं निर्णय से उम्मीदवार तथा जिला स्तरीय एम.सी.एम.सी. को अवगत कराएगी। राज्य स्तरीय एम.सी.एम.सी. द्वारा पारित निर्णय के विरुद्ध उम्मीदवार 48 घंटे में निर्वाचन आयोग को अपील कर सकेगा।  

 

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