दिगंबर जैन समाज के पर्वधिराज पर्युषण महापर्व आज से
उज्जैन। दिगंबर जैन समाज के पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व आज से प्रारंभ होगा। दशलक्षण व्रत भाद्रपद शुक्ल पंचमी शुक्रवार 14 सितम्बर से प्रारंभ होगा जो भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी 23 सितम्बर तक रहेगा। शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग में विदक्षाश्री माताजी के सानिध्य में व पर्वाधिराज पर्युषण पर्व में 10 दिनों तक विधि विधान से पूजा एवं दोपहर में तत्व चर्चा शाम को आरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे व श्री महावीर तपोभूमि में मीना दीदी साधना दीदी इंदौर के सानिध्य में श्रावक संस्कार शिविर का आयोजन होगा जिसमें संपूर्ण शिविरार्थि 10 दिनों तक श्री महावीर तपोभूमि में रहेंगे।
समाज सचिव सचिन कासलीवाल के अनुसार सर्वप्रथम 14 सितम्बर शुक्रवार पंचमी उत्तम क्षमा, 15 सितम्बर शनिवार षष्ठी उत्तम मार्दव, 16 सितम्बर रविवार सप्तमी उत्तम आर्जव, 17 सितम्बर सोमवार अष्टमी उत्तम शौच, 18 सितम्बर मंगलवार नवमी उत्तम सत्य, 19 सितम्बर बुधवार दशमी ’उत्तम संयम’ (सुगन्ध दशमी), 20 सितम्बर बृहस्पतिवार ग्यारस उत्तम तप, 21 सितम्बर शुक्रवार बारस उत्तम त्याग, 22 सितम्बर शनिवार तेरस उत्तम अकिंचन, 23 सितम्बर रविवार चतुर्दशी उत्तम ब्रह्मचर्य (अनन्त चतुर्दशी, दशलक्षण व्रत पूर्ण, अनन्त व्रत पूर्ण, भ. वासुपूज्य का मोक्ष कल्याणक), 24 सितम्बर सोमवार पूर्णिमा, व्रतियों का सामाजिक अभिनन्दन, पारणा एवं क्षमावाणी पर्व प्रारंभ होगा। कुछ मंदिरों में पूर्णिमा से व एकम से यह पर्व प्रारंभ होगा। सभी मंदिरों में क्षमावाणी पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाएगा। समाज के प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे से क्षमा मांग कर क्षमा कर कर यह पर्व मनाते हैं।
सचिन कासलीवाल बताया कि 14 से 23 सितंबर को दिगंबर जैन समाज में पर्वाधिराज पर्युषण पर्व में दसलक्षण अर्थात उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव, सत्य, शौच, संयम, तप, त्याग, आकिंचन एवं ब्रम्हचर्य के अलावा चौबीसी तिर्थंकरों, पर्व पूजायें आदि होगी। मध्यांतर में धुप दशमी को सभी जैन मंदिरों की परिक्रमा करेंगे, दसलक्षण पर्व के रुप में मण्डलजी का सुंदर मांडना तथा उसके भावार्थाे से परिचित होंगे। मंदिरों में विशेष साथ सज्जा के साथ सभी मंदिरों की सफाई इत्यादि व्यवस्थाएं पूजन सामग्री की व्यवस्थाएं होती है।
सुबह अभिषेक शांतिधारा, शाम को भक्ति में आरती
दस दिनों में सभी मंदिरों में श्री जी की अभिषेक, शांतिधारा पूजा आराधना अर्चना 10 लक्षण धर्म की पूजा आदि अनेक पुजाएं होती हैं तो शाम को श्री जी के भक्ति मैं आरती के साथ मंदिरों में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं समाज के प्रतिभाओं को भी मौका मिलता हैं। और मंदिरों में स्वाध्याय भी हो जाता हैं। समाज के कुछ लोग व्रतीयों में एक से दस दिनीतक कठोर उपवास से धर्मलाभ लेते हैं तो कुछ लोग संयम, तप, त्याग के साथ वर्जित भोज्य पदार्थाे का त्याग करते हैं रात्री में भोजन का त्याग करते हैं मन वचन काया से शुद्ध रहते हैं शुद्ध आहार करते हैं उसी का नाम पर्वाधिराज पर्युषण पर्व है।
कलेक्टर, एसपी से व्यवस्थाओं पर चर्चा
पर्वाधिराज पर्युषण पर्व पर सभी मंदिरों में व्यवस्थाओं के संबंध में सामाजिक संसद के अध्यक्ष अशोक जैन चाय वाला एवं सचिव सचिन कासलीवाल ने संबंधित सभी विभागों के साथ-साथ जिला कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक से भी व्यवस्था के संबंध में चर्चा की संपूर्ण व्यवस्था पुलिस व्यवस्था यातायात सुरक्षा व्यवस्था व्यवस्था स्वास्थ्य संबंधित व्यवस्थाओं के लिए कहा है।