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Home - उज्जैन << निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव के लिये समस्त सेवक नियमों एवं कानूनों का पालन अनिवार्य रूप से करें नियम विरूद्ध एवं लापरवाही करने वाले सेवक के खिलाफ होगी कार्यवाही निर्वाचन आयोग ने किया सचेत

निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव के लिये समस्त सेवक नियमों एवं कानूनों का पालन अनिवार्य रूप से करें नियम विरूद्ध एवं लापरवाही करने वाले सेवक के खिलाफ होगी कार्यवाही निर्वाचन आयोग ने किया सचेत


उज्जैन । भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश दिये हैं कि मैदानी अधिकारी-कर्मचारी विधानसभा निर्वाचन के दौरान पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के साथ कार्य करें।  भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग से कहा है कि सभी मैदानी अधिकारी-कर्मचारी की गतिविधियों पर निगाह रखें। निर्वाचन के कार्य में समस्त सेवक प्रत्येक गतिविधि में पारदर्शिता एवं निष्पक्षता की नजीर पेश करें। इसके लिये सेवक 'रूल ऑफ लॉ' (नियमों एवं कानूनों) के सिद्धान्त का अक्षरश: पालन करें।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री व्हीएल कान्ताराव ने इस सम्बन्ध में प्रदेश के समस्त कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी तथा पुलिस अधीक्षकों को दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। कानून एवं नियम का पालन करते हुए अधिकारी एवं कर्मचारी विभिन्न अधिनियम जैसे दंड प्रक्रिया संहिता, भारतीय दंड संहिता, सम्पत्ति विरूपण निवारण, कोलाहल नियंत्रण, मोटरयान, आबकारी, आर्म्स आदि के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करें। उक्त प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करने के लिये आवश्यकता अनुसार प्रतिबंधात्मक कार्यवाही अथवा दण्डात्मक कार्यवाही हेतु कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, थाना प्रभारी एवं पुलिस निरीक्षक आदि इसके लिये जिम्मेदार होंगे।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सम्बन्धित जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिये हैं कि उनका दायित्व होगा कि वह अपने-अपने जिले में मॉनीटरिंग करें और चेक करें कि 'रूल ऑफ लॉ' का पालन मैदानी अधिकारी-कर्मचारी (जैसे- आरक्षक, पटवारी, पंचायत सचिव आदि से लेकर अनुविभागीय दण्डाधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, थाना प्रभारी आदि) कर रहे हैं या नहीं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने यह भी निर्देश दिये हैं कि मैदानी अधिकारी-कर्मचारी अभी से पारदर्शिता तथा निष्पक्षता के साथ रूल ऑफ लॉ का पालन सुनिश्चित करें। लापरवाह अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही के लिये मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भोपाल को सूचित किया जाये, ताकि सम्बन्धित के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जा सके, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी सम्बन्धित अधिकारी-कर्मचारी की रहेगी।

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