आयुर्वेद पद्धति टिकाऊ, उम्दा तथा सस्ता उपचार आयुर्वेद स्वस्थ जीवन की कला सीखाता है -आयुष राज्यमंत्री श्री पटेल
आयुर्वेद महाविद्यालय परिसर में 20 करोड़ से अधिक की
लागत के 2 नवीन भवन का निर्माण होगा
साधारण सभा की बैठक सम्पन्न
उज्जैन । शासकीय स्वशासी धन्वंतरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय की साधारण सभा की बैठक रविवार 9 सितम्बर को दोपहर में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता आयुष राज्यमंत्री श्री जालमसिंह पटेल ने की। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन भी मौजूद थे। आयुष राज्यमंत्री श्री पटेल ने बैठक में बताया कि आयुर्वेद पद्धति टिकाऊ, उम्दा तथा सस्ता उपचार है। एलोपैथी के बजाय लोगों का रूझान आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में उपचार कराने के लिये बढ़ा है। आयुर्वेद के उपचार की पद्धतियों के बारे में अधिक से अधिक व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये, ताकि जरूरतमन्द मरीज अपना इलाज एलोपैथी की बजाय आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से करा सकें। आयुर्वेद ही एकमात्र ऐसा चिकित्सा विज्ञान है जो हमें बताता है रोग होने ही नहीं पाये अर्थात प्रीवेंटिव मेडिसीन, आहार विहार से सम्बन्धित साहित्य आयुर्वेद में समृद्ध हैं। क्या खायें, क्या न खायें, यह गुर आयुर्वेद से सीखने को मिलता है। आयुष राज्यमंत्री श्री जालमसिंह पटेल ने कहा कि वर्तमान दौर में प्रतियोगिता अधिक बढ़ गई है और इसी प्रतियोगी दौर में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बेहतर ढंग से मरीजों का उपचार कैसे किया जाये, इस पर रिसर्च किया जाये। श्री पटेल ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से जुड़े लोग पूर्ण ईमानदारी से पीड़ितों का उपचार कर सेवा का फल प्राप्त करें।
ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन ने बैठक में कहा कि आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिये पंचकर्म पद्धति के विस्तार की उज्जैन में आवश्यकता है। पंचकर्म के विस्तार के लिये शासकीय भूमि की मांग पर ऊर्जा मंत्री श्री जैन ने कहा कि चिमनगंज क्षेत्र स्थित आयुर्वेद अस्पताल के समीप भूमि आवंटन सम्बन्धी प्लान बनायें। भूमि शासन से उपलब्ध करवा दी जायेगी। श्री जैन ने कहा कि सरकार के द्वारा आमजनों के स्वास्थ्य सम्बन्धी अनेकों योजनाएं संचालित की जा रही हैं। भारत सरकार के द्वारा बनाई गई आयुष्मान भारत योजना लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से सम्बन्धित है। इस योजना के अन्तर्गत मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के कार्डधारी हितग्राही 5 लाख रूपये तक का इलाज करवा सकते हैं। श्री जैन ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से कुपोषित बच्चों का भी इलाज करने में अपनी भूमिका सुनिश्चित की जाये। उन्होंने अवगत कराया कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में लकवा से पीड़ित व्यक्तियों को मालिश से सिकाई के कर्मचारियों की कमी है, इसकी पूर्ति की जाये। आयुर्वेद पद्धति से उपचार के लिये मरीजों का रूझान दिनों-दिन बढ़ता चला जा रहा है।
बैठक में आयुष विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शिखा दुबे ने आयुष विभाग की योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में 7 शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय हैं। इसमें उज्जैन का शासकीय स्वशासी आयुर्वेदिक महाविद्यालय श्रेष्ठ महाविद्यालय है। इस महाविद्यालय में प्राचीन चिकित्सा की विभिन्न विधाओं धूमपान, अग्निकर्म, जलोका आदि के द्वारा बड़ी दूर-दूर के रोगियों को रोगमुक्त किया जाता रहा है। बैठक में श्रीमती दुबे ने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों को निर्देश दिये कि डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया की रोकथाम के लिये आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से इलाज किया जाये। कुपोषित बच्चों के उपचार में विशेष ध्यान दिया जाये। आयुष मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के 30 गांवों का चयन किया गया है। इसमें उज्जैन के आसपास के भी कुछ गांव शामिल हैं। आयुष ग्रामों में शास्त्रोक्त पद्धति से ग्रामीणों की जांच कर रोगों को चिन्हांकित कर उनका समय-समय पर आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से मरीजों का उपचार किया जायेगा।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2017-18 की ऑडिट रिपोर्ट तथा वर्ष 2018-19 का अनुमानित आय-व्यय पत्रक सर्वानुमति से पारित किया गया। संस्था की उपलब्धियों से अवगत कराते हुए बैठक में शासकीय स्वशासी धन्वंतरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.जेपी चौरसिया ने कहा कि महाविद्यालय परिसर में संभागीय आयुष कार्यालय तथा महाविद्यालय नवीन भवन का निर्माण किया जायेगा। संभागीय आयुष कार्यालय के नवीन भवन की लागत 91 लाख 93 हजार रूपये और महाविद्यालय के नवीन भवन के निर्माण की लागत 19 करोड़ 37 लाख रूपये है। बैठक के प्रारम्भ में अतिथियों के द्वारा भगवान धन्वंतरि की नवीन प्रतिमा का अनावरण एवं दोनों नवीन भवनों के भूमिपूजन के शिलालेख का लोकार्पण किया गया। डॉ.चौरसिया ने बैठक में सीसीआईएम नईदिल्ली के अनुसार स्नातक पाठ्यक्रम बीएएमएस में प्रवेश क्षमता 60 के स्थान पर 100 सीट्स करने तथा 14 विभागों के अन्तर्गत सभी 14 विशेषज्ञता में एमडी, एमएस (आयुर्वेद) पाठ्यक्रम प्रारम्भ किये जाने का प्रस्ताव रखा।
बैठक के अन्त में आयुष राज्यमंत्री श्री जालमसिंह पटेल, विधायक महिदपुर श्री बहादुरसिंह चौहान, श्री विवेक जोशी, श्री वीरेन्द्र कावड़िया, एसीएस श्रीमती शिखा दुबे आदि ने नवीन भवन निर्माण के लिये भूमिपूजन विधिवत रूप से किया। अतिथियों ने महाविद्यालय में गोदन्ती भस्म एवं काशीश भस्म निर्माण इकाई का अवलोकन किया। बैठक में सुश्री विनीता शर्मा, नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल, संयुक्त आयुक्त श्री प्रतीक सोनवलकर, कोष एवं लेखा के संयुक्त संचालक श्री जेएस भदौरिया तथा आदि विभागों के अधिकारी तथा आयुर्वेद महाविद्यालय के चिकित्सक आदि उपस्थित थे।