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ठेकेदारों ने संभागीय परियोजना अधिकारी के खिलाफ खोला मोर्चा


 

पीआईयू में तालाबंदी कर जताया विरोध-अनैतिक तरीके से स्वहित के लिए भुगतान रोकने का आरोप

उज्जैन। लोक निर्माण विभाग पीआईयू के संभागीय परियोजना अधिकारी नरेन्द्र कुमार मंडराय द्वारा दी जा रही प्रताड़ना के खिलाफ शुक्रवार को ठेकेदारों ने मोर्चा खोल दिया। अनैतिक तरीके से स्वहित के लिए मंडराय द्वारा ठेकेदारों का भुगतान रोक दिये जाने के विरोध में ठेकेदारों ने तालाबंदी की तथा पीआईयू कार्यालय पर प्रदर्शन किया। ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि संभागीय परियोजना अधिकारी मंडराय स्वहित के लिए ठेकेदारों का भुगतान रोक रहे हैं। 

अवंतिका कांट्रेक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष धीरेन्द्र चौबे के अनुसार पीडब्ल्यूडी पीआईयू के ईई नरेन्द्र मंडराय द्वारा अनैतिक तरीके से स्वहित के लिए ठेकेदारों का भुगतान रोका जा रहा है। स्वीकृत निर्माण कार्यों को पूर्ण करने के संबंध में मंडराय द्वारा निर्णय न लेने के कारण 10 से 15 दिन तक साईट पर काम बंद रहता है। लेबर ठेकेदार को अकारण भुगतान करना पड़ता है। टेंडर निकले 4 से 6 माह हो चुके हैं भूमि आवंटित नहीं हो पा रही है। चौबे ने बताया पूर्व में भी अन्य ईई द्वारा यदि कार्य में संशोधन हो या एस्टिमेट रिवाईज करना हो तो भी निर्णय हो जाया करते थे मंडराय के आने के बाद अनावश्यक रूप से नियमों का हवाला देकर स्व स्वार्थ पूर्ति हेतु भुगतान रोके जाकर सभी पर अनुचित दबाव बनाया जा रहा है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी पूर्व में अवगत करा दिया गया था लेकिन आज तक मंडराय के विरूध्द कोई कार्यवाही नहीं की गई। शासन-प्रशासन के पास भी जाकर गुहार लगाई तब भी सिर्फ आश्वासन मिले ठोस कार्रवाई नहीं हुई जबकि शासन की अत्यंत महत्वपूर्ण योजनाएं जैसे विद्यालय, छात्रावास, न्यायिक भवन, अस्पताल आदि सभी कार्य इनकी अनुचित कार्यशैली के कारण अवरूध्द होकर भुगतान के अभाव में बंद हो गये हैं। यहां तक कि स्वयं इनके विभाग के अन्य कर्मचारी भी इनकी आदतन कार्यशैली के कारण परेशान हैं। एसोसिएशन के बृजेश राठौर, चिन्मय ठाकरे, कैलाश पांचाल, राकेश आंजना, गौरव राठी, अशोक जैन, अशोक राठौर, रामबाबू गर्ग, मुकेश दामानी आदि ने शीघ्र मामले में कार्रवाई की मांग की है। 

मंत्री को भी की शिकायत पर नहीं हुआ समाधान

ठेकेदारों द्वारा पूर्व में लोक निर्माण विभाग पीआईयू के संभागीय परियोजना अधिकारी नरेन्द्र कुमार मंडराय की संदेहास्पद कार्यप्रणाली एवं ठेकेदारों को प्रताड़ित किये जाने की शिकायत लोकनिर्माण विभाग मंत्री से भी की गई। जिसमें स्पष्ट कहा था कि संभागीय परियोजना यंत्री लोकनिर्माण विभाग पीआईयू उज्जैन के पद पर जब से पदस्थ हुए हैं तब से उज्जैन में कार्यों की प्रगति लगभग खत्म हो चुकी है। उनके द्वारा ठेकेदारों के देयकों में नियमों का हवाला देकर अनैतिक एवं अव्यवहारिक कटौती की जा रही है। मंडराय द्वारा नियमों का हवाला देकर ठेकेदारों को मानसिक प्रताड़ित किया जाता है। संभाग में पूर्व में पदस्थ अधिकारियों द्वारा इतना अधिक कटोत्रा नहीं किया गया। पूर्व में और अभी भी ठेकेदारों द्वारा नियम अनुसार एवं पूर्ण गुणवत्ता के कार्य कराए जा रहे हैं। ठेकेदारों के बिलों में किए गए कटोत्रे के पश्चात ठेकेदारों को बुलाकर रोकी गई राशि पुनः जारी करने के संबंध में अपने निहित स्वार्थ का ध्यान रखा जाता है जिससे कि समस्त ठेकेदार मानसिक रूप से प्रताड़ित हैं एवं सभी कार्य को लगभग बंद कर चुके हैं। 

मंदसौर में भी प्रताड़ित करते थे ठेकेदारों को

धीरेन्द्र चौबे ने बताया कि मंडराय द्वारा ठेकेदारों को आदतन परेशान किया जाता है। उज्जैन से पूर्व यह मंदसौर में थे, वहां भी ठेकेदार को इनके द्वारा अत्याधिक प्रताड़ित किया गया था। वहां भी ठेकेदारों ने मजबूरन कार्य बंद कर दिया था।

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