पूरे साल धन कमाया, पर्युषण पुण्य कमाई का पर्व
श्वेतांबर जैन समाज के पर्यूषण प्रारंभ, समाजजनों को बताए पर्युषण के पांच कर्तव्य
उज्जैन। श्वेतांबर जैन समाज के पर्युषण महापर्व की शुरूआत गुरूवार से हुई। सुबह से मंदिरों में पूजन, स्नात्र व प्रवचन का दौर शुरू हुआ। श्री ऋषभदेव छगनिराम पेढ़ी मंदिर खाराकुआं में गुरुवार को साध्वी पूर्णयशा श्रीजी एवं साध्वी पद्मवर्षा श्रीजी मसा ने सूक्ष्म जीवों की हिंसा से भी बचने की प्रेरणा समाजजनों को दी। उन्होंने कहा कि जिसके मन में करूणा भाव रहता है वहीं मोक्ष को प्राप्त करता है।
साध्वी पूर्णयशा श्रीजी एवं साध्वी पद्मवर्षा श्रीजी मसा ने समाजजनों को पर्युषण पर्व के पांच कर्तव्य बताएं। जिसमें अमारी प्रवर्तन (अहिंसा), साधर्मिक भक्ति, अठ्म तप, क्षमा भाव, चौत्यपरिपाटी शामिल है। आपने कहा कि पूरे साल तो हम रूपयों की कमाई के लिए नौकरी, धंधा करते हैं, लेकिन ये पर्व धर्म व पुण्य की कमाई है। क्योंकि संचित धन तो यहीं रहेगा लेकिन संचित पुण्य अगले भव तक साथ रहेगा। जयंतीलाल जैन तेलवाला व राहुल कटारिया के अनुसार मंदिर में शाम को प्रभु की आकर्षक अंगरचना, सामूहिक प्रतिक्रमण व भक्ति हुई। प्रवचन सभा में बड़ी संख्या में समाज जन मौजूद रहे। आज शुक्रवार को सुबह 9 बजे से साध्वीश्री श्रावकों के 11 कर्तव्य वार्षिक बताएंगे। शहर में 16 श्वेतांबर जैन मंदिर में पर्युषण का उल्लास छाया है। ज्यादातर जगह आकर्षक विद्युत सज्जा की जा रही है।