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संबल योजना के क्रियान्यन को सर्वोच्च प्राथमिकता दें


 

उज्जैन । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि संबल योजना के क्रियान्वयन में किसी तरह की कोर-कसर बाकी नहीं रहे। इसे सर्वोच्च प्राथमिता दी जाये। शेष स्मार्ट कार्डों का आगामी 15 दिवस में अभियान चलाकर वितरण सुनिश्चित किया जाये।

श्री चौहान ने संबल योजना के सफल क्रियान्वयन के लिये बधाई देते हुए कलेक्टरों से कहा है कि योजना का लाभ अंतिम छोर के जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुँचाने में और क्रियान्वयन संबंधी फीडबैक प्राप्त करने में संबल सहयोगियों का महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त किया जा सकता है। उनके प्रति सहज और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ व्यवहार करें। जन-अभियान परिषद के विकासखण्ड समन्वयकों का भी क्रियान्वयन कार्य में सहयोग लिया जाये। योजना के आवेदनों की पोर्टल पर भी अपलोडिंग समय से होती रहे। श्री चौहान ने संबल योजना के अंतर्गत चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि इससे दूसरों को प्रेरणा और प्रोत्साहन मिलेगा और उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।  

शांति व्यवस्था के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने सजगता, जागरूकता और युक्ति-बुद्धि से शांति एवं व्यवस्था की स्थिति पर नियंत्रण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह सुनिश्चित करते रहें कि किसी तरह की अनापेक्षित घटना नहीं हो। अधिकारी समाज के साथ सीधा जीवंत संवाद बनाए रहें। सामाजिक कार्यकर्ताओं, जन-प्रतिनिधियों आदि के साथ बेहतर संपर्क और संवाद कायम करें। ताकि सामाजिक सदभाव और समरसता बनी रहे।

श्रम विभाग द्वारा संबल योजना का नया डैशबोर्ड तैयार किया गया है। इसमें व्यक्ति और गांव स्तर का डाटा तैयार किया गया है, जिसमें किस व्यक्ति को किन योजनाओं में लाभ मिला है, उसका विवरण भी उपलब्ध है। श्रम विभाग द्वारा गत अगस्त माह के अंत तक अंत्येष्टि सहायता 8 हजार 812 और अनुग्रह सहायता 8 हजार 512 परिवारों को दी गई है। चिकित्सा सुविधाओं में प्रसूति सहायता 52 हजार 911 महिलाओं को दी गई और 66 हजार 576 संस्थागत प्रसव करवाये गये। सरल बिजली बिल माफी योजना में 34 लाख 71 हजार बिल और 26 लाख 38 हजार प्रमाण पत्र वितरित किये गये हैं। उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने वाले 23 हजार 653 छात्रों की फीस संबल योजना में भरी गई है।  

क्रमांक 2531B                                    एसके उज्जैनिया/ललित


 

पर्यावरण संरक्षण के लिये सड़कों के दोनों ओर करें नीम का पौधरोपण

उज्जैन 05 सितम्बर । पर्यावरण मंत्री श्री अन्तर सिंह आर्य ने देश के सभी राज्यों से आग्रह किया है कि वे राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग, नगर निगम, ग्राम पंचायत की सभी सड़कों के दोनों ओर और औद्योगिक क्षेत्र में खाली जमीन पर नीम का पौधरोपण करें। श्री आर्य ने कहा देश और विश्व में जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से लेते हुए भावी पीढ़ी को स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण देने के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम में गंभीर मंथन आवश्यक है।

श्री आर्य ने कहा कि पिछले 20-30 सालों में पर्यावरण में बहुत बदलाव आया है। इसलिये पर्यावरण को जन-आन्दोलन बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य की सरकारों को खाली पड़ी जमीन के 50 प्रतिशत क्षेत्र में नीम और शेष क्षेत्र में अन्य फलदार और छायादार वृक्ष के पौधरोपण करें। श्री आर्य ने कहा कि पर्यावरण के क्षेत्र में स्वीडन नवीनतम तकनीक का उपयोग कर रहा है।

मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष श्री अनुपम राजन ने कहा है कि मध्यप्रदेश में कौशल विकास और पर्यावरण में समन्वय स्थापित कर उद्योगों में कम से कम दिक्कत के साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रयास किये जा रहे हैं। श्री राजन ने देश और प्रदेश में प्रदूषण को कम करने के प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि लगातार प्रयासों से कार्बन उत्सर्जन में कमी और सोलर ऊर्जा में वृद्धि हुई है। पेरिस समझौते को पूरा करने के लिये भारत निरंतर प्रयास कर रहा है।

 

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