प्रतिस्पर्धी माहौल में एलआईसी आज भी मार्केट लीडर
एलआयसी के बीमा सप्ताह पर आयोजित समारोह में आर्थिक विश्लेषक डॉ. सिंह ने कहा
उज्जैन। 1999-2000 में बीमा के विराष्ट्रीयकरण के बाद आलोचकों ने सोचा था कि सार्वजनिक क्षेत्र की एलआईसी को नए तीव्र प्रतिस्पर्धी माहौल में मार्केट लीडर बने रहना और अपना अस्तित्व बनाए रखना कठिन हो जाएगा। लेकिन पिछले 18 वर्षों में एलआईसी ने अपनी विकासवाहिनी और ग्राहकों के विश्वास से बीमा उद्योग में अपने को मार्केट लीडर बनाये रखा है। यह बहुत गर्व और संतुष्टि का विषय है कि एलआईसी ने बीमा बाजार में अपने प्रभुत्व को स्थापित करते हुए सभी भविष्यवाणियों को गलत साबित कर दिया है। नियामक परिवर्तनों से उत्पन्न नए वातावरण और चुनौतियों को अनुकूलित करने की इसकी क्षमता सबसे अदभुत रही। इसने अभिनव उत्पादों को विकसित किया, आवश्यक प्रौद्योगिकी को अपनाने के माध्यम से और बेहतर सेवाओं को विकसित किया। इसने एलआयसी का विस्तार कर अन्य वित्तीय क्षेत्र में प्रवेश किया।
यह बात एलआयसी के बीमा सप्ताह के अवसर पर भारतीय जीवन बीमा निगम भरतपुरी शाखा में भारतीय जीवन बीमा निगम के समक्ष चुनौतियां और हमारी भूमिक विषय पर आर्थिक विश्लेषक डॉ. हरीशकुमार सिंह ने व्याख्यान में कही दिया। डॉ. सिंह ने कहा कि एक छत के नीचे सभी सेवाओं की पेशकश अनुपम रही। एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस, हाउसिंग लोन बिजनेस में अग्रणी कंपनी के रूप में उभरा है। इसकी सहायक कंपनी म्यूचुअल फंड अच्छी तरह से काम कर रही है, पेंशन फंड प्रबंधन शानदार रहा है। अब यह एक वित्तीय समूह के रूप में उभरने के लिए आईडीबीआई बैंक पर नियंत्रण में लेने की प्रक्रिया में है। एलआईसी बड़ी सफलता के साथ 14 देशों में अंतरराष्ट्रीय परिचालन भी करता है। आज एलआयसी 29 करोड़ व्यक्तिगत बीमाधारकों व 12 करोड़ समूह बीमा धारकों को अपनी सेवा प्रदान कर रहा है। हालांकि नई चुनौतियां अब उभर रही हैं अतः बाजार के निरंतर प्रभुत्व को बनाए रखने के लिए सफलतापूर्वक काम को जारी रखते हुए नई तकनीक जैसे ई-कॉमर्स व नए चौनल के माध्यम से पालिसीधारकों की सेवाओं को निरंतर जारी रखने की आवश्यकता है। बीमा सप्ताह में इंश्योरेंस एम्प्लाइज यूनियन उज्जैन 1 शाखा द्वारा अभिकर्ताओं के लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जा रहा है जिसकी उद्घोषणा सुनील बावनिया ने की। सभा को शाखा प्रबंधक सुभाष पाठक ने भी संबिधित किया। कार्यक्रम का संचालन अतुल मजूमदार ने किया और आभार प्रशांत सोहले ने माना।