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आय से अधिक सम्प्त्ति के मामले मे 6 साल बाद नगर निगम का करोड़पति चपरासी बहाल


उज्जैन। आय से अधिक संपत्ति मामले में घिरे उज्जैन नगर निगम के करोड़पति चपरसी नरेंद्र देशमुख को आयुक्त प्रतिभा पाल ने निलंबन से बहाल कर दिया है। बहाली के बाद देशमुख की नियुक्ति निर्वाचन सेल में की गई है। मालूम हो कि 6 साल पहले 8 दिसंबर 2011 को एक शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने नगर निगम में स्टोर विभाग के भृत्य नरेंद्र देशमुख के घर छापा मारा था। जांच में 10 करोड़ स्र्पए से अधिक की संपत्ति का पता चला था। नरेंद्र के नाम दो घर, 18 बीघा जमीन, एक पॉल्ट्री फार्म, एक फार्म हाउस, एक होटल और एक फैक्ट्री में हिस्सेदारी और 10 बैंक खातों की जानकारी सामने आई थी। सवा लाख स्र्पए के जेवर और ढाई लाख स्र्पए नकदी भी मिली थी।

लॉकर से निकले थे सोने-चांदी के बर्तन : बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर से सोने-चांदी के बर्तन भी निकले थे। लोकायुक्त द्वारा कोर्ट में चालान पेश किए जाने पर तत्कालीन नगर निगम आयुक्त ने नरेंद्र को निलंबित कर दिया था। कोर्ट में केस साढ़े 6 साल से विचाराधीन है।

इसी दरमियान एक सुनवाई में कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल को मप्र शासन के एक नियम (अगर शासकीय सेवक के खिलाफ लोकायुक्त में 3 साल से अधिक केस प्रचलित है तो सक्षम अधिकारी उसे निलंबन से बहाल कर सकता है) के आधार पर निर्णय लेने का आदेश जारी किया। निर्देशों के पालन में आयुक्त ने नरेंद्र को निलंबन से बहाल कर निर्वाचन सेल में अटैच कर दिया।

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