न्याय व्यवस्था को ध्वस्त करने पर मध्यप्रदेश सरकार उतारू
उज्जैन। बिनोद मिल्स प्रकरण में शासन जवाब न देकर 4 सप्ताह का दो बार समय मांग चुका है ऐसे ही अन्य कई प्रकरण उच्च न्यायालय में लंबित हैं जिनमें शासन जवाब न देकर टालमटोल कर रहा है।
बिनोद मिल्स संघर्ष समिति की बैठक में वक्ताओं ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इस तरह न्यायपालिका का सम्मान न करने की तीव्र निंदा की। हरिशंकर शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में ओमप्रकाश भदौरिया, संतोष सुनहरे, मेवाराम, वीरेन्द्र कुशवाह, शंकरलाल वाडिया, प्रद्योत चंदेल, रामनारायण कुवाल, लक्ष्मीनारायण वर्मा ने संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि हाल ही में एक प्रकरण में उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय द्वारा फैसला देने पर इंदौर कलेक्टर पर अमल नहीं करने पर 50 हजार जुर्माना लगाया गया। बैतुल सांसद ज्योति धुर्वे को फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रकरण में 12 बार अवसर लिये जाने पर भी जवाब नहीं दिया जा रहा है। इस पर भी 1 हजार रूपये जुर्माना लगा है। इस तरह सरकार द्वारा लगातार न्यायपालिका का समय खराब किया जा रहा है। वक्ताओं ने मध्यप्रदेश शासन के मुख्यमंत्री को घोषणा मंत्री निरूपित कर झूठी घोषणा करने तथा जनता को बरगलाने वाला बताया। उज्जैन के सभी कारखाने बंद हैं तथा यह शहर बेरोजगारों का शहर हो गया है। पेट्रोल डीजल के बढ़ते मूल्य पर चिंता प्रकट की गई।