ऊर्जा मंत्री श्री जैन 36 मासक्षमण आराधकों के पारणोत्सव में शामिल हुए
गुरूजनों का मार्गदर्शन ही हम सबको संमार्ग की ओर ले जाता है -मंत्री श्री जैन
तपस्या सार्थक मनुष्य जीवन के लिये बेहद जरूरी –सांसद प्रो.मालवीय
उज्जैन । प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन रविवार को चिमनगंज मंडी के प्रांगण में शहर के 36 मासक्षमण महामृत्युंजय तप आराधकों के पारणोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर लोकसभा सांसद प्रो.चिन्तामणि मालवीय, श्री सुशील गुप्ता, महापौर श्रीमती मीना जोनवाल, केन्द्रीय सिंहस्थ समिति के अध्यक्ष श्री माखनसिंह, श्री हिम्मत कोठारी, श्री चैतन्य कश्यप, श्री श्याम बंसल, श्री सोनू गेहलोत, श्री बहादुरसिंह बोरमुंडला एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
पारणोत्सव कार्यक्रम के पूर्व मंत्री श्री जैन के सुपुत्र श्री सन्देश तल्लेरा सहित 36 आराधकों की भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें भारी तादाद में श्रद्धालु शामिल हुए। यह यात्रा श्री राजेन्द्र सूरि ज्ञान मन्दिर नमकमंडी से प्रारम्भ हुई और कण्ठाल, निकास चौराहा होती हुई चिमनगंज मंडी के प्रांगण में पहुंची। यात्रा में गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय नित्यसेन सूरिश्वरजी भी शामिल हुए। मंडी प्रांगण में यात्रा पहुंचने पर मंत्री श्री पारस जैन द्वारा गुरूदेव की अगवानी की गई।
सन्तों को मंच पर विराजित करने के पश्चात मंत्री श्री जैन द्वारा सभी आचार्यों की गुरू वन्दना की गई। गुरूजनों द्वारा श्रद्धालुओं को आशीर्वचन दिये गये। इसके पश्चात मंत्री श्री जैन द्वारा गुरूजनों को तपस्वियों के पास ले जाकर पारणा (व्रत खुलवाया) करवाया गया।
मंत्री श्री जैन ने इस अवसर पर कहा कि गुरूजनों का आशीर्वाद ही हम सभी को संमार्ग की ओर ले जाता है। अहिंसा ही सबसे बड़ा धर्म होता है। अहिंसा की आज संसार को सबसे अधिक आवश्यकता है। सभी को एक अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा लेनी चाहिये तथा लोगों की सेवा का भाव मन में रखकर कार्य करना चाहिये। हम सभी का सौभाग्य है कि आचार्य गुरूदेव श्री नित्यसेन सूरिश्वर महाराज चातुर्मास के दौरान उज्जैन में रहे और आज माक्षमण करने वाले आराधकों को पारणा एवं आशीर्वाद देने के लिये पधारे हैं।
सांसद प्रो.चिन्तामणि मालवीय ने कहा कि जैन धर्म में महामृत्युंजय तप अत्यन्त कठिन होता है। एक माह तक आराधक गरम पानी के अतिरिक्त और कुछ भी ग्रहण नहीं करता है, लेकिन तपस्या सार्थक मनुष्य जीवन के लिये बेहद जरूरी होती है। तप से ही हम अन्दर और बाहर से मजबूत होते हैं तथा हमारी शक्ति में वृद्धि होती है। आचार्यश्री का चातुर्मास में उज्जैन आना सभी शहरवासियों के लिये गौरव और हर्ष का विषय है। आज यहां मंडी प्रांगण में तपस्वियों का 1 कुंभ-सा लगा है। जैन धर्म में अहिंसा को ही सर्वोपरि माना गया है। सांसद ने सभी आराधकों को शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में श्री माखनसिंह, श्री हिम्मत कोठारी और श्री चैतन्य कश्यप ने भी सम्बोधित किया।