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संभागायुक्त श्री ओझा ने कहानियों के माध्यम से बच्चों को दी शिक्षा



"मिल बांचे मप्र" के अन्तर्गत वरिष्ठ अधिकारियों ने बच्चों को पढ़ाया 
उज्जैन | उस समय बच्चों के उत्साह एवं खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा, जब संभागायुक्त श्री ओझा ने उन्हें रोचक कहानियों के माध्यम से अमूल्य शिक्षा दी। विभिन्न कहानियों के पात्र उन्हें कोई न कोई पाठ पढ़ा रहे थे। बच्चे पूरी तल्लीनता के साथ उन्हें सुन रहे थे तथा बीच-बीच में तालियां भी बजा रहे थे। बच्चों का उत्साहवर्धन करने के लिए उन्हें शाबाशी के साथ-साथ टॉफी, पेन, पेंसिल आदि भी मिल रहे थे।
   इस अनूठी कक्षा का आयोजन आज शुक्रवार को मध्य प्रदेश शासन के मिल बांचे मप्र कार्यक्रम के अन्तर्गत किया गया था। इसमें बच्चों को रोचक कहानियों एवं खेलों के माध्यम से शिक्षा दी जा रही थी। वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि तथा गणमान्य नागरिक बच्चों को पढ़ाने विद्यालय में पहुंचे थे।
   संभागायुक्त श्री एमबी ओझा माध्यमिक विद्यालय दताना पहुंचे। वहीं आईजी श्री राकेश गुप्ता ने माध्यमिक विद्यालय चन्देसरा में तथा डीआईजी श्री रमणसिंह सिकरवार ने माध्यमिक विद्यालय नरवर में रोचक कहानियों एवं प्रसंगों के माध्यम से महत्वपूर्ण पाठ पढ़ाए।
बच्चों को दिए 4 रत्न
   संभागायुक्त श्री ओझा ने माध्यमिक विद्यालय दताना में एक कहानी के माध्यम से बच्चों को नैतिकता के 4 रत्न दिए। उन्होंने यूनान के एक बादशाह की कहानी के माध्यम से बच्चों को बताया कि क्षमा, निरहंकार, विश्वास एवं त्याग ऐसे 4 अमूल्य रत्न हैं, जिनके माध्यम से बच्चे जीवन में निश्चित रूप से सफलता प्राप्त करेंगे।
बच्चों ने पढ़ी कहानियां
   संभागायुक्त श्री ओझा ने विद्यालय के बच्चों मुस्कान, पूनम, ऋतु, अजहर, रेहान, इरफान आदि से कहानियां पढ़वाईं तथा बीच-बीच में उनका अर्थ वे बच्चों को समझाते रहे। पढ़ाने का यह तरीका इतना रोचक था कि बच्चे पूरे उत्साह के साथ पाठ पर ध्यान दे रहे थे। बीच-बीच में पूछे जाने वाले प्रश्नों का भी वे सही-सही जवाब दे रहे थे।
सभी अच्छे बच्चे हैं
   संभागायुक्त ने जब बच्चों से उनकी दिनचर्या के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वे प्रतिदिन सुबह 6 बजे उठते हैं तथा नहा-धोकर स्कूल आते हैं। वे नियमित रूप से अपना होमवर्क करते हैं। संभागायुक्त ने कहा कि ये सभी अच्छे बच्चे हैं। संभागायुक्त ने विद्यालय के शिक्षकों से कहा कि जो विद्यार्थी विद्यालय नियमित रूप से नहीं आते हैं, उनके अभिभावकों से सम्पर्क कर उन्हें नियमित विद्यालय आने के लिए प्रेरित किया जाए।
एकता में बड़ी ताकत
   एक अन्य कहानी के माध्यम से संभागायुक्त ने बच्चों को एकता की ताकत समझाई। एक गांव के लोग अक्सर लड़ते रहते थे। वहां एक बाघ आता था और किसी न किसी बच्चे को उठाकर ले जाता था। अब गांव वालों ने निर्णय लिया कि वे सब मिलकर गांव की चौकसी करेंगे। बाघ गांव में आया और सबने मिलकर उसे मार दिया। एकता ने उनके गांव को बचा लिया।
अनुशासन की सीख दी
   संभागायुक्त ने बच्चों को बताया कि यदि आपको जिन्दगी में तरक्की करना है तो अनुशासन बहुत आवश्यक है। एक कहानी के माध्यम से बताया गया कि बच्चों को हर काम समय पर करना चाहिये। पढ़ाई के समय पढ़ाई, खेल के समय खेल तथा अन्य कार्यों के समय अन्य कार्य।
खेल-खेल में सिखाया सुनने का महत्व
   कार्यक्रम में नाटककार श्री सतीश दवे ने खेल-खेल में विद्यार्थियों को बताया कि ध्यान से सुनने का क्या महत्व है। यदि विद्यार्थी विद्यालय में शिक्षकों द्वारा पढ़ाए गए पाठ को ध्यान से सुनेंगे तो उन्हें पूरा लाभ मिलेगा। एक खेल में विद्यार्थियों के एक समूह को अलग-अलग एक कहानी सुनाई गई तथा उनसे बाद में पूछा गया कि उसे पुन: सुनाएं। कुछ बच्चों ने उसे सही-सही सुना दिया, वहीं अन्य बच्चों ने उसमें परिवर्तन कर दिया।
शिक्षा से बड़ा कोई दान नहीं
   कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का भोपाल से प्रसारित विद्यार्थियों के नाम सन्देश भी सुना, जिसमें प्रमुखता से बताया गया कि शिक्षा से बड़ा कोई दान नहीं है। मुख्यमंत्री ने बताया कि मेधावी विद्यार्थियों के लिए मध्य प्रदेश शासन की कई योजनाएं हैं। 12वी कक्षा में 70 प्रतिशत से अधिक अंक लाने पर उच्च शिक्षा की फीस सरकार भरती है, 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने पर लैपटॉप सरकार देती है तथा शासकीय महाविद्यालय के विद्यार्थियों को स्मार्टफोन भी सरकार के द्वारा प्रदान किया जाता है।
श्री चित्तौड़ा ने क्षमा का महत्व समझाया
   कार्यक्रम में समाजसेवी श्री प्रकाश चित्तौड़ा ने बच्चों को बताया कि क्षमा बहुत बड़ा गुण है। यदि हमसे कोई गलती हो तो तुरन्त क्षमा मांगना चाहिए, उसे छिपाना नहीं चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम में 15 मिनिट विलम्ब से आने पर विद्यार्थियों से क्षमायाचना की। उन्होंने अपने वक्तव्य से विद्यार्थियों को प्रेरित किया।
विद्यार्थियों को किया पुरस्कृत
   संभागायुक्त एवं अन्य अतिथियों द्वारा कार्यक्रम में नियमित रूप से विद्यालय आने वाले तथा अन्य मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में झंडावन्दन हुआ तथा राष्ट्रगान गाया गया। कार्यक्रम के उपरान्त संभागायुक्त द्वारा कार्यक्रम का ऑनलाइन फीडबैक भी मोबाइल के माध्यम से दिया गया।

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