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मिशन इन्द्रधनुष : उज्जैन जिले के 59 गांवों को चिन्ह्रित कर बच्चों को लगाए जा रहे है टीके


ujjain @ शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए ही केंद्र सरकार मिशन इन्द्रधनुष योजना के तहत टीकाकरण की दिशा में काम कर रही है। मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में 59 गांवों को चिन्ह्रित कर योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। पिछले एक वर्ष में उज्जैन जिले में तीन चरणों में टीकाकरण अभियान चलाया गया। जिसमें जिले के सभी 7 ब्लॉक में बच्चों को शत-प्रतिशत नि:शुल्क टीके लगाए गए।

भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सभी बच्चों को टीकाकरण के अंतर्गत लाने के लिये "'मिशन इंद्रधनुष'" 25 दिसंबर 2014 को सुशासन के रूप में प्रारंभ किया गया था। इंद्रधनुष के सात रंगों को प्रदर्शित करने वाले इस मिशन इंद्रधनुष का उद्देश्य उन बच्चों का 2020 तक टीकाकरण करना है,  जिन्हें टीके नहीं लगे हैं या किसी कारण से टीके नहीं लग पाएं है।

       यह कार्यक्रम हर साल 5 प्रतिशत या उससे अधिक बच्चों के पूर्ण टीकाकरण में तेजी से वृद्धि के लिए विशेष अभियानों के जरिए चलाया जा रहा है। इस मिशन ने पहले चरण में देश में 201 जिलों की पहचान की है, जिनमे से 82 ज़िले केवल चार राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश तथा राजस्थान से हैं। जबकि चारों राज्यों के 42 ज़िलों में 25 प्रतिशत बच्चों को टीके नहीं लगाए गए हैं।

       मिशन इंद्र धनुष के अंतर्गत म.प्र. में 404 गाँव व उज्जैन जिले में 59 गाँव चिन्हित किए गए। प्लान के तहत छह जगह को चिन्हित किया गया। जहाँ हितग्राही गर्भवती महिला एवं नवजात बच्चों को प्राथमिक चिकित्सा केंद्र व आँगनवाड़ी के माध्यम से प्रति मंगलवार व् शुक्रवार को टीकाकरण किया जाता है। इन टीको को कोल्ड चैन सिस्टम से ठंडा रखा जाता है।

       प्रथम चरण में उज्जैन जिले के खाचरौद में 361 और महिदपुर में 142 बच्चों को टारगेट किया गया व स्वास्थ कर्मियों की मदद से शत प्रतिशत बच्चों को टीके लगाए गए। उसी तरह बड़नगर में 55, घटिया में 68, तराना में 92, ताजपुर में 121 में से 111 बच्चों का स्वास्थ्य कर्मियों की मदद से टीकाकरण किया गया।

       द्वितीय चरण में टार्गेट से ज्यादा अचीवमेंट हुआ। यानि जहाँ 219 बच्चों को टार्गेट किया था वहाँ 247 बच्चों को ठीके लगाए गए। जबकि द्वितीय चरण में बड़नगर में 30 में 41, महिदपुर में 99 में से 100, घटिया में 24 में से 28, तराना में 72 में से 71, ताजपुर में 94 में से 88, खाचरौद में 219 में से 247 बच्चे यानी 538 चिन्हित की बजाए 575 बच्चों का टीकाकरण किया गया। इसी तरह तृतीय चरण में जिले भर में सभी टार्गेट को पूर करते हुए शत-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण किया गया।

       शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए ही केंद्र सरकार इस दिशा  कारगर में काम कर रही है। अभियान की शुरूआत से पहले एक तिहाई बच्चें छूट जाते थे। लेकिन इस योजना की शुरूआत के बाद से ही लगातार ऐसे बच्चों को चिन्ह्रित कर उन्हें टीका लगाया जाता है। यही नहीं निमोनिया और दस्त से मरने वाले बच्चों की सबसे ज्यादा संख्या वाले 15 देशों की प्रगति पर आई रिपोर्ट ने मिशन इंद्रधनुष के लिए अब तक किए गए कार्य की वजह से सभी देशों ने भारत की प्रशंसा की है। मई में प्रगति की समीक्षा बैठक में इस योजना के 90 प्रतिशत की कवरेज लक्ष्य को पूरा करने की डेडलाइन को 2020 से घटाकर 2018 तय कर दी है। सरकार द्वारा मिशन इंद्रधनुष को पूर्ण मॉनिटरिंग व् रूटीन के साथ चलाया जा रहा है।

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