शाही सवारी के दौरान डीजे पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा, भजन मण्डलियों और विभिन्न समितियों की बैठक हुई
उज्जैन । गुरूवार को पुलिस कंट्रोल रूम के सभाकक्ष में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्री जीएस डाबर और एएसपी द्वारा शाही सवारी की तैयारियों की समीक्षा हेतु बैठक ली गई। बैठक में शाही सवारी में चलने वाली भजन मण्डलियों और बनाई गई विभिन्न समितियों के प्रतिनिधियों के साथ सवारी के दौरान व्यवस्थाओं पर विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में अधिकारियों द्वारा निर्देश दिये गये कि शाही सवारी के दौरान चलने वाली भजन मण्डलियों और वाहनों में डीजे पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा। यदि किसी वाहन में डीजे लगा पाया गया तो उसे सवारी में शामिल नहीं किया जायेगा। भजन मण्डलियों को सवारी के 1 दिन पहले रविवार 2 सितम्बर को अलॉट की जायेंगी। इन तख्तियों में उनका क्रम भी लिखा रहेगा।
सवारी में चलने वाले वाहनों की चैकिंग पुलिस द्वारा हरिफाटक के पास की जायेगी। सवारी में शामिल होने वाले दलों और मण्डलियों को दोपहर 2 बजे से पहले निर्धारित स्थान पर पहुंचना होगा। 2 बजे के बाद प्रवेश नहीं दिया जायेगा।
बैठक में निर्देश दिये गये कि जो भजन मण्डलियां सवारी में चलेंगी, उनके ड्रेसकोड की जानकारी पुलिस को अनिवार्य रूप से दी जाये। उनके परिचय-पत्र की भी चैकिंग की जायेगी। अपने क्रम के अनुसार ही सवारी में चलना होगा। जब सवारी मन्दिर की तरफ लौटकर आयेगी तो भजन मण्डलियों और अन्य दलों को कोट मोहल्ला से बेगमबाग की ओर से निकाला जायेगा। बैठक में स्पष्ट निर्देश दिये गये कि भजन मण्डली में चलने वाले लोग सवारी के दौरान उत्साह में आकर किसी भी तरह का उत्पात न मचायें और नशीले पदार्थों का सेवन कर सवारी में शामिल न हों। मण्डलियों द्वारा बजाये जाने वाले भजनों में किसी भी तरह का राजनैतिक या आपत्तिजनक भजन नहीं होना चाहिये।
सवारी में चलने वाली मण्डलियों में सदस्यों की संख्या कम से कम रखी जाये। रूट के दौरान अपने क्रम का विशेष ध्यान रखें। मण्डली के लोग जब रविवार को अपनी तख्तियां लेने के लिये आयें तो उन्हें आईकार्ड भी साथ में लेकर आना होगा, जिसे प्रमाणित श्री दिलीप गरूड़ द्वारा किया जायेगा।
बैठक में शाही सवारी हेतु मार्ग सजावट व्यवस्था समिति, बैण्ड व्यवस्था समिति और प्रचार-प्रसार व्यवस्था समिति के सदस्यों के साथ भी तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक में समिति के सदस्यों द्वारा सुझाव दिये गये कि सवारी के दौरान श्रद्धालुओं को ऊपर से नारियल, केले और पैसे फैंकने से रोका जाये। इसके लिये लाऊड स्पीकर पर अनाउंसमेंट किया जाये, ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना या अप्रिय स्थिति निर्मित न हो। पालकी के ठीक आगे पुलिस का बैण्ड चले। अब तक की सवारियों में यह देखा जाता है कि पुलिस बैण्ड पालकी से बहुत आगे निकल जाता है।
सवारी के दौरान वर्तमान में सिर्फ रामघाट पर अस्थाई शौचालय रखे जाते हैं। इन्हें कुछ और स्थानों पर भी बनाया जाये। गौरतलब है कि शाही सवारी के दौरान सवारी में चलने वाले लोगों को बहुत असुविधा होती है। सवारी का समय बहुत अधिक होता है, इसीलिये अस्थाई शौचालय कुछ प्रमुख मार्गों के समीप बनाये जायें।
बैठक में जानकारी दी गई कि सवारी के दौरान 2 एम्बुलेंस चलाई जायेंगी, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके। एक एम्बुलेंस सबसे पहले और 1 सबसे पीछे चलेगी। शाही सवारी के दौरान 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे। इसके अलावा वॉच टॉवर भी लगाये जायेंगे। शाही सवारी का मार्ग और उसके आसपास के क्षेत्र पूर्णत: नोव्हीकल झोन रहेंगे। छोटी-छोटी गलियों को भी बैरिकेट लगाकर बन्द किया जायेगा।