महापौर जवाब दो ‘ऐसे होगा हमारा शहर नंबर एक’
कांग्रेसी पार्षदों ने हाथों में आवारा मवेशियों से पटी सड़कों तथा गौशाला में अव्यवस्थाओं की तस्वीरों के साथ नगर निगम गेट पर दिया धरना
उज्जैन। कपिला गौशाला में अव्यवस्थाओं के कारण हर दिन हो रही गौमाताओं की मौत एवं शहर में आवारा मवेशियों के कारण हो रही दुर्घटनों के खिलाफ कांग्रेस पार्षद दल नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ठ की अगुवाई में नगर निगम गेट पर धरने पर बैठा। धरने के दौरान भाजपा बोर्ड के कारण बद से बदतर हो रही नगर निगम की स्थिति पर गाना बजाया गया जिसमें गौमाता का पेट नहीं भर पाने वाले नगर निगम पर तंज कसता हुआ गीत ‘नगर निगम क्या सारा कंगाल हो गया, जो शहर का इतना बुरा हाल हो गया, कांग्रेस की है एक बस यही पुकार, धिक्कार-धिक्कार बीजेपी सरकार’ बजता रहा। हाथों में आवारा मवेशियों से पटी शहर की सड़कों की तस्वीर लिये कांग्रेसी पार्षदों ने महापौर से सवाल पूछा ‘ऐसे होगा हमारा शहर नंबर एक’ इसके पूर्व बुधवार को कांग्रेस पार्षद दल ने कपिला गौशाला का निरीक्षण किया जिसमें पाया कि गौशाला में गायों को खाने के लिए भूसा नहीं, पीने के लिए पानी नहीं है वहीं उनके रखरखाव की स्थिति दयनीय है जिसके कारण प्रतिदिन 7 से 8 गायें दम तोड़ रही हैं। निरीक्षण के बाद नगर निगम गेट पर प्रदर्शन किया तथा बाद में निगम आयुक्त के नाम ज्ञापन महात्मा गांधी की तस्वीर पर पुष्प भेंटकर सौंपा गया।
राजेन्द्र वशिष्ठ के अनुसार कांग्रेस पार्षद दल द्वारा पूर्व में भी कपिला गौशाला का निरीक्षण किया गया था तब भी स्थित भयावह थी अब भी वैसी की वैसी ही मिली। गौशाला में 400 गायों की स्थिति दयनीय थी, उन्हें खाने के लिए भूसा तक नसीब नहीं हो रहा था। हरा चारा केवल 400 से 500 पूले प्रतिदिन आते हैं जबकि आवश्यकता 4 से 5 हजार पूलों की है। यहां तीन-तीन ट्यूबवेल हैं लेकिन मोटर बंद पड़ी है जिसके कारण गायों को पीने का पानी नसीब नहीं हो पा रहा। बीमार गायों के इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है जिसके कारण प्रतिदिन गायों की मौत हो रही है। प्रतिदिन पूले 400 आते हैं और बिल 1 हजार पूलों का बनता है ऐसे में चारे और दवाईयों में भी भ्रष्टाचार होने की संभावना है। वशिष्ठ ने बताया कि निरीक्षण के दौरान पाया कि एक मृत गायें को निगम का वाहन ले जा रहा था जिसने बताया कि कंट्रोल रूम से सूचना मिलने पर वह गौशाला आया है, अंदर जाकर देखा तो दो और गायें मृत पाई गई जिनकी उठाने की सूचना निगम कंट्रोल रूम को नहीं दी गई। आसपास के रहवासियों ने बताया कि मृत गायों के पड़े रहने से आसपास का वातावरण प्रदूषित हो रहा है। निरीक्षण एवं धरने के दौरान राजेन्द्र वशिष्ठ के साथ माया राजेश त्रिवेदी, जफर एहमद सिद्दीकी, आत्माराम मालवीय, रहीम लाला, हेमलता गब्बर कुवाल, गुलनाज नासिर खान, सपना सांखला, हिम्मतसिंह देवड़ा, मीना तिलकर, ताराबाई मालवीय आदि मौजूद रहे।
गौशाला से रजिस्टर गायब
निरीक्षण में केवल एक रजिस्टर प्राप्त हुआ बाकी के रजिस्टर जिसमें गायों की संख्या, इंट्री, इलाज किये जाने की इंट्रीवाला रजिस्टर, समस्त रजिस्टर प्रभारी अपने साथ उज्जैन में रखते हैं। वशिष्ठ ने बताया कि पूर्व आयुक्त ने गौशाला के संचालन हेतु एक समिति बनाई थी लेकिन उस समिति की आज तक न तो कोई बैठक हुई और ना ही समिति के माध्यम से गौशाला के संचालन में कोई कार्यवाही हुई। वहीं नगर निगम नई गौशाला बनाने जा रहा है जबकि कपिला गौशाला ही उचित ढंग से नहीं चल पा रही।
गायों के भोजन, चिकित्सा, रिकॉर्ड का हो प्रबंध
प्रति गायें को प्रतिदिन 10 पूले की व्यवस्था की जाए, गायों को बारिश और ठंड के कारण भूसे की आवश्यकता है। गायों के इलाज के लिए डॉक्टर की पर्याप्त व्यवस्था हो, उचित किस्म की दवाईयां हो। गायों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था हो। बारिश में शेड में से पानी जाएगा उसकी पर्याप्त व्यवस्था हों। प्रत्येक गाय का रिकॉर्ड रखा जावे और डॉक्टर का रजिस्टर भी गौशाला में रखा जावें, शहर को आवारा मवेशियों से मुक्त करें।