खेल के प्रति समर्पण ही सफलता का मूल मंत्र, पदक प्राप्त खिलाड़ियों का किया सम्मान
उज्जैन । खेल के प्रति समर्पण, गुरू के प्रति श्रद्धा एवं अनुशासन में रहकर खिलाड़ी मेहनत करे तो वह सफलता के शिखर पर पहुंच सकता है। खेल के प्रति समर्पण ही सफलता का मूल मंत्र है। यह विचार जिमनास्टिक के अन्तर्राष्ट्रीय निर्णायक श्री एमजी सूपेकर ने बुधवार 29 अगस्त को मप्र पर्यटन की होटल उज्जयिनी में 63वी राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त करने वाले उज्जैन संभाग के खिलाड़ियों को खेल दिवस पर सम्मान समारोह के कार्यक्रम में व्यक्त किये।
लोक शिक्षण संभाग उज्जैन के सहायक संचालक ने बताया कि सम्मान समारोह में पॉवर लिफ्टिंग की अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी विक्रम अवार्ड व जिला खेल अधिकारी श्रीमती रूबिका दीवान उपस्थित थीं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि खिलाड़ी किसी भी एक खेल का चयन कर उसमें मेहनत करे तो सफलता खिलाड़ी को निश्चित मिलेगी। स्वागत भाषण लोक शिक्षण संभाग उज्जैन के संयुक्त संचालक श्री संजय गोयल ने दिया। प्रतिवेदन का वाचन सहायक संचालक श्री आरके पालीवाल ने किया। संभाग स्तरीय सम्मान समारोह कार्यक्रम में संभाग के 65 खिलाड़ियों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में संभाग के समस्त सातों जिलों के क्रीड़ा अधिकारी, व्यायाम शिक्षक, खिलाड़ी, पालकगण सहित कई खेलप्रेमी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्री संजय जौहरी ने किया और आभार श्री सुनील पित्रे ने किया।