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भावी पीढ़ी के हित में किया जाये प्राकृतिक संसाधनों का दोहन


 

एप्को में स्थाई विकास के लिये पर्यावरण संरक्षण कार्यशाला शुरू

उज्जैन । पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) के कार्यपालन संचालक श्री जितेन्द्र सिंह राजे ने आज "स्थाई विकास में प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन'' विषयक दो-दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। श्री राजे ने कहा कि वर्तमान में प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग बहुत तेज गति से हो रहा है, जो हमारी भावी पीढ़ी के लिये हितकारी नहीं है। उन्होंने प्रतिभागियों का आव्हान किया कि जल, ऊर्जा, वायु, जैव-विविधता का विचारपूर्ण दोहन कर हम व्यक्तिगत-स्तर पर इनके संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

कार्यशाला के प्रथम सत्र में डॉ. प्रवीण तामोट ने "पर्यावरण संरक्षण-सतत विकास की चुनौतियाँ'' विषय पर और द्वितीय सत्र में पूर्व संचालक मौसम विभाग डॉ. डी.पी. दुबे ने "जलवायु परिवर्तन का पर्यावरण पर प्रभाव'' विषयक जानकारी दी।

प्रतिभागी शिक्षकों ने ग्रीन गणेश अभियान में मिट्टी के गणेश बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिक्षकों ने एप्को की वेस्ट पेपर रिसाइक्लिंग यूनिट में पेपर रिसाइक्लिंग भी सीखी। बुधवार की कार्यशाला में जल-प्रबंधन विशेषज्ञ श्री के.जी. व्यास द्वारा जल-प्रबंधन और संरक्षण की बारीकियों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

 

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