ई-उपार्जन पंजीयन में किसानों को कठिनाई नहीं होना चाहिये
पंजीयन केन्द्र के प्रभारियों को प्रमुख सचिव खाद्य ने दिये निर्देश
उज्जैन। ई-उपार्जन सॉफ्टवेयर में किये जा रहे किसानों के पंजीयन पर प्रमुख सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्रीमती नीलम शमी राव ने पंजीयन केन्द्र के प्रभारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रक्रिया में किसानों को परेशानी नहीं होना चाहिये। उन्होंने कहा कि टेक्नालॉजी किसानों की सुविधा के लिये है। पंजीयन प्रक्रिया में जहाँ कठिनाई है अथवा प्रक्रिया को ठीक से नहीं समझा जा रहा है, वहाँ के पंजीयन केन्द्र के कर्मचारियों को पुन: मास्टर-ट्रेनर्स के माध्यम से ट्रेनिंग दी जायेगी।
प्रमुख सचिव खाद्य ने खरीफ-2018 के लिये ई-उपार्जन सॉफ्टवेयर में किये जा रहे किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया को समय पर पूरा करने के लिये कहा है। उन्होंने कहा कि पंजीयन केन्द्र पर किसानों को अनावश्यक इंतजार नहीं करवायें। एक दिन में जितने किसानों का पंजीयन किया जा सकता है, उतनी संख्या में ही किसानों को बुलवायें। किसानों को टोकन देकर उन्हें नियत समय दें। इससे किसान अपना अन्य कार्य कर सकेगा और उसे पंजीयन केन्द्र पर इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
वनाधिकार के पट्टेधारियों का डाटा अगले 3 दिन में सर्वर पर अपलोड हो जायेगा, जिससे उनके पंजीयन में कठिनाई नहीं आयेगी। पंजीयन एक बैंक खाते पर हो सकेगा और पोर्टल पर कुछ बैंक शाखाएँ प्रदर्शित नहीं हो रही हैं, वह भी प्रदर्शित होने लगेंगी। इसके लिये सिस्टम को अपग्रेड कर दिया जायेगा। एक किसान के सभी खसरों की कुल भूमि का योग सॉफ्टवेयर में प्रदर्शित नहीं हो रहा है, उसे भी सुधार कर प्रदर्शित करवाया जा रहा है। एक किसान के 12 से अधिक खसरे होने पर भी पंजीयन की सुविधा दी जायेगी।
ऐसे ही और अन्य बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर तैयार कर (फ्रिक्वेंटली आस्क्ड क्वश्चन्स) पोर्टल पर अपलोड कर दिये जायेंगे, जिससे कि ऐसे प्रश्नों के उत्तर जानकर पंजीयन केन्द्र पर कर्मचारी कठिनाई का हल खुद निकाल लें। जिला और संभाग स्तर पर समस्याओं के निराकरण के लिये टीम बनाई गई हैं, जो पंजीयन में आ रही समस्याओं के निराकरण में सहयोग करेंगी। जहाँ प्रशिक्षण की जरूरत है, वहाँ मास्टर-ट्रेनर्स के माध्यम से पुन: प्रशिक्षण भी दिलवाया जायेगा। प्रदेश में किसानों के पंजीयन का कार्य जारी है, जो 11 सितम्बर तक किया जायेगा। पंजीयन पहला चरण है। दूसरा चरण सत्यापन और तीसरा चरण उपार्जन है।