top header advertisement
Home - उज्जैन << मुख्यमंत्री, डीजीपी, मुख्य सचिव के साथ उज्जैन के जनप्रतिनिधियों को लिखा खुला पत्र

मुख्यमंत्री, डीजीपी, मुख्य सचिव के साथ उज्जैन के जनप्रतिनिधियों को लिखा खुला पत्र


 

श्रध्दालुओं के हित में सवारी मार्ग के विस्तार करने हेतु प्रशासन को निर्देश देने की मांग

उज्जैन। शहर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विवेक यादव एवं महासचिव अरुण वर्मा ने मध्य प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव, डीजीपी पुलिस एवं उज्जैन के स्थानीय जनप्रतिनिधियों सांसद चिंतामणि मालवीय, मंत्री एवं विधायक पारस जैन व दक्षिण के विधायक मोहन यादव के नाम एक खुला पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने महाकाल शाही सवारी के मार्ग के विस्तार करने की मांग के साथ ही यह भी निवेदन किया है कि सभी जनप्रतिनिधि उज्जैन की जनता के हित में दूरस्थ स्थानों पर रहने वाले लोगों के हित में सवारी मार्ग के विस्तार करने का प्रशासन को निर्देश दें। 

विवेक यादव ने पूर्व में भी सवारी मार्गो का जो विस्तार हुआ है इसका उल्लेख पत्र में किया गया है। वर्ष 1966 एवं 1980 में सवारी मार्गो का विस्तार किया जा चुका है। तात्कालिन कलेक्टर एमएन बुच ने उस समय यह साहस किया था इसी के आधार पर उज्जैन कलेक्टर मनीष सिंह को भी पत्र लिखा है। जिसमें सवारी मार्ग को वर्तमान मार्ग तेलीवाड़ा चौराहा तक यथावत रखते हुए तेलीवाड़ा चैराहा से सीधे कालिदास कॉलेज के सामने से बियाबानी चैराहा, वी.डी.मार्केट के सामने से फाजलपुरा, गाड़ी अड्डा चैराहा, आगर रोड, नगर निगम के सामने से होकर कोयला फाटक, निजातपुरा होकर पुराना मार्ग कंठाल चैराहा, सती गेट सर्राफा, छत्री चौक पहुंचे व पूर्ववत महाकाल पर समापन हो। सवारी मार्ग को विस्तारित करने के पीछे वृद्धजन, महिलाओं एवं बच्चों को आसानी से दर्शन हो सके व भीड़ का प्रबंधन भी उचित तरीके से किया जा सके। उक्त संम्बंध में लिखते हुये मार्ग के विस्तार के बाद वार्ड 3, 4, 5, 6, 7, 16, 17, 18, 19, 24, 25 के नागरिकों को भी बाबा महाकाल की शाही सवारी का लाभ मिल सकेगा की जानकारी भी पत्र में दी है। सवारी मार्ग के विस्तार की मांग की है साथ ही पत्र में भस्मारती दर्शनार्थियों को जिस तरह महाकाल मंदिर के बाहर गंदी सड़कों पर बैठाया जाता है उनके लिए मंदिर परिसर में ही एक सर्वसुविधायुक्त प्रतीक्षालय देकर उन्हें वहां बैठकर प्रतीक्षा करने की स्वीकृति देने हेतु मंदिर प्रशासन को निर्देश देने की बात लिखी है। पत्र में जनप्रतिनिधियों से उम्मीद की है कि वे उज्जैन के गौरव एवं सम्मान की लड़ाई में राजनीतिक प्रतिद्धिवता को छोडकर शहर हीत में साथ आये व दोनो ही मांगो को पुरा करवाये।

Leave a reply