प्रदेश में 1500 निजी शालाओं की मान्यता निरस्त संबंधी समाचार भ्रामक आयुक्त लोक शिक्षण ने की स्थिति स्पष्ट
उज्जैन । प्रदेश में पिछले दिनों अशासकीय शालाओं के मान्यता निरस्त संबंधी समाचार अशासकीय शालाओं के प्रान्तीय अध्यक्ष श्री अजीत सिंह के वक्तव्य पर अनेक समाचार-पत्रों में प्रकाशित हुआ। इस संबंध में आयुक्त लोक शिक्षण ने वस्तु-स्थिति बताते हुए समाचार को वास्तविक तथ्यों से परे बताया है।
लोक शिक्षण संचालनालय ने स्पष्ट किया है कि अशासकीय शालाओं के ऐसे किसी संगठन को मान्यता नहीं दी गई है और न ही निजी विद्यालय संगठन के नाम की कोई संस्था पंजीकृत है। आयुक्त लोक शिक्षण ने स्पष्ट किया है कि निजी विद्यालयों की मान्यता और नवीनीकरण संबंधी समस्त कार्यवाही नियमानुसार की गई है।
शैक्षणिक सत्र वर्ष 2018-19 में नवीन मान्यता और मान्यता नवीनीकरण के लिये 2461 प्रकरण प्राप्त हुए। इन प्रकरणों में स्कूल शिक्षा विभाग के संभागीय संयुक्त संचालक द्वारा परीक्षण के बाद निर्णय लिये गये। प्राप्त प्रकरणों में से 820 प्रकरण संभागीय संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा द्वारा अमान्य किये गये। इनमें से 764 प्रकरणों में प्रथम अपील प्राप्त हुई। आयुक्त लोक शिक्षण ने इनमें से 457 प्रकरणों को मान्य किया गया तथा 307 प्रकरणों को कमियों की वजह से अमान्य किया गया।
निजी स्कूल की मान्यता संबंधी 307 प्रकरण को अमान्य किया गया। इनमें से 270 प्रकरणों में द्वितीय अपील प्राप्त हुई। मान्यता समिति ने इनमें से 43 अपील प्रकरणों को मान्य किया। शेष रहे 161 नवीनीकरण और 66 नवीन प्रकरणों में अपील अमान्य की गई। इस प्रकार कुल 2461 प्रकरण में से केवल 227 प्रकरण ही कमियों की वजह से अमान्य हुए है। यह कुल प्रकरणों का केवल 10 प्रतिशत ही है।
नवीनीकरण के प्रकरणों में संस्थाओं द्वारा कमियों की पूर्ति के लिये दस्तावेज प्रस्तुत करने के नवीन कार्यक्रम के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।