रक्षाबंधन पर बहनें करेंगी अपने बन्दी भाइयों से मुलाकात
उज्जैन । रक्षाबंधन का पर्व रविवार 26 अगस्त को मनाया जायेगा। इस पावन अवसर पर भैरवगढ़ स्थित केन्द्रीय जेल में बन्दियों को उनकी बहनों द्वारा राखी बांधे जाने की विशेष व्यवस्था की जायेगी। रक्षाबंधन के पर्व पर रविवार को शासकीय अवकाश होने के बावजूद भी पूर्व वर्षों से जारी परम्परा अनुसार भाई-बहन के पावन पर्व को दृष्टिगत रखते हुए बहनों को अपने बन्दी भाइयों से मुलाकात की अनुमति दी जायेगी।
केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ की जेल अधीक्षक सुश्री अलका सोनकर ने बताया कि बन्दियों से उनकी बहनों की मुलाकात एवं रक्षाबंधन विशेष सुरक्षा प्रबंध के दायरे में होंगे। रक्षाबंधन पर महिलाओं को मुलाकात करने दी जायेगी। मुलाकात का समय प्रात: 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक रहेगा। मुलाकात की अधिकतम समय-सीमा 15 मिनिट रहेगी। बहनों के साथ 3 वर्ष से अधिक आयु के बच्चे नहीं जा सकेंगे। मुलाकात पंजीयन के लिये फोटोयुक्त परिचय-पत्र की छायाप्रति बहन के साथ होना अनिवार्य है। एक बन्दी भाई से एक ही बार मुलाकात होगी। जेल अधीक्षक ने बन्दियों की बहनों से कहा है कि वे भैरवगढ़ जेल में एकसाथ आयें। रक्षाबंधन के लिये बहनों को थाली जेल प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जायेगी। मुलाकात के पूर्व महिला स्टाफ द्वारा बहनों की तलाशी लेना अनिवार्य किया गया है। बहनों को थाली में राखी, कुमकुम, चावल, फूटा हुआ नारियल, 250 ग्राम मिठाई एवं एक ऋतुफल ले जाने की अनुमति दी जायेगी। बहनें भैरवगढ़ जेल परिसर स्थित जेल केंटीन में उपलब्ध बन्दियों द्वारा निर्मित राखी क्रय कर अपने बन्दी भाईयों को राखी बांधेगी।
जेल अधीक्षक ने झोला, बैग, पर्स, कैरीबैग, नगद राशि, मोबाइल, नशीली वस्तु, धारदार वस्तु ले जाना प्रतिबंधित किया है। नियम एवं निर्देशों के विरूद्ध कार्य पाये जाने पर सम्बन्धित के विरूद्ध अनुशासनात्मक एवं थाने पर प्रकरण दर्ज कर अभियोजन की कार्यवाही की जायेगी।
जेल अधीक्षक ने अपील की है कि भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन त्यौहार की गरिमा बनाये रखते हुए उक्त निर्देशों का पालन किया जाये और बहनें अपने बन्दी भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर उपहार के रूप में बुराई त्यागने का वचन मांगे। बुराई त्यागने का वचन जैसे अपराधिक प्रवृत्ति का त्याग करना, कभी नशा नहीं करना, कानून का पालन करना, सदमार्ग पर चलना और अच्छे नागरिक बनने आदि का वचन अपने भाई से लें।