नागरिकों को सावधानी और सतर्कता की अग्रिम सूचना दें, वर्षा की स्थिति की निरन्तर निगरानी करें
उज्जैन । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अति-वर्षा और बाढ़ की संभावना की आशंका के क्षेत्रों की निरंतर निगरानी की जाये। निवासियों को सर्तकता और सावधानी बरतने की अग्रिम समझाइश दी जाये। अति-वर्षा, राहत और पुनर्वास की व्यवस्थाओं की निरंतर निगरानी की जायें। बाढ़ की आशंका क्षेत्रों के निकट पुनर्वास- स्थलों को चिन्हित करें। पुनर्वास-स्थलों पर आपदा की स्थिति में राहत की सभी व्यवस्था अग्रिम रूप से की जायें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राहत और पुनर्वास व्यवस्थाओं की समीक्षा की। बताया गया कि आपदा प्रबंधन केन्द्र भोपाल में राज्य-स्तरीय कंट्रोल रूम का गठन किया गया है। कंट्रोल रूम के टोल-फ्री दूरभाष क्रमांक 1079 पर किसी भी प्रकार की सहायता के लिये फोन किया जा सकता है। राजगढ़, आगर और रतलाम में अति वर्षा की आशंका के दृष्टिगत सतर्कता की चेतावनी जारी की गई है। धार और बड़वानी में राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल तैनात हैं।
एक जून से 20 अगस्त 2018 तक भिण्ड और नीमच जिलों में सामान्य से 20 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। इस अवधि में सामान्य वर्षा वाले 36 जिले सिंगरौली, उमरिया, दतिया, बड़वानी, बुरहानपुर, मुरैना, सीधी, टीकमगढ़, खण्डवा, शिवपुरी, रतलाम, खरगोन, कटनी, झाबुआ, सीहोर, जबलपुर, आगर-मालवा, रायसेन, दमोह, इन्दौर, मण्डला, मंदसौर, शाजापुर, उज्जैन, होशंगाबाद, गुना, शहडोल, ग्वालियर, श्योपुर, नरसिंहपुर, विदिशा, रीवा, छिंदवाड़ा, भोपाल, पन्ना और सिवनी है। सामान्य से कम वर्षा वाले 13 जिलों में डिण्डोरी, सतना, राजगढ़, छतरपुर, सागर, अनूपपुर, अशोकनगर, अलीराजपुर, धार, देवास, हरदा, बालाघाट और बैतूल हैं।