प्रतिष्ठित नागरिकों के नाम वोटर लिस्ट में अनिवार्य रूप से शामिल हों, यह सुनिश्चित किया जायेगा
विधानसभा निर्वाचन के लिये स्टेंडिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई
उज्जैन । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह की अध्यक्षता में आज बृहस्पति भवन में विधानसभा निर्वाचन के लिये स्टेंडिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर, अपर कलेक्टर श्री दीपक आर्य, एएसपी श्री विवेक सोनकर, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आरपी वर्मा, राजनैतिक पार्टियों की ओर से श्री विवेक गुप्ता, श्री कुरैशी, श्री कपिल, श्री कटारिया, श्री अनिल शर्मा, श्री शील लश्करी एवं गणमान्य प्रतिनिधि मौजूद थे। बैठक में बताया गया कि जिले में 31 अगस्त तक मतदाता सूचियों में नाम जोड़े घटाये जा सकेंगे। इसके बाद मतदाता सूची में बदलाव नहीं किये जा सकते। कलेक्टर ने पार्टी प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे सचेत होकर निर्वाचन गतिविधियों पर नजर रखें तथा सभी पार्टियां अपने-अपने बूथ लेवल एजेन्ट्स की नियुक्ति भी शीघ्र कर दें।
कलेक्टर ने कहा है कि इस बार राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दिव्यांगों की भागीदारी निर्वाचन में शत-प्रतिशत करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसी के साथ सभी बीएलओ को पाबन्द किया गया है कि उनके क्षेत्र के प्रतिष्ठित नागरिकों के नाम भी अनिवार्य रूप से वोटर लिस्ट में शामिल है कि नहीं, यह सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने कहा है कि इस बार मतदान का प्रतिशत भी 80 से अधिक करने के लिये स्वीप गतिविधियों के माध्यम से विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।
बैठक में कलेक्टर ने सभी दलों के प्रतिनिधियों को जानकारी दी कि जिले में अब तक 78 हजार वोटर्स के नाम डिलिट किये गये हैं तथा लगभग 29 हजार नये नाम जोड़े गये हैं। सभी एडिशन एवं डिलिशन की सूची पार्टी के लोगों को दे दी गई है। कलेक्टर ने बताया कि जिले में जेण्डर रेशो में भी सुधार हुआ है। नई बहुएं जो विवाहित होकर आई हैं, उनके नाम जोड़ने के लिये उनसे कोई भी दस्तावेज नहीं मांगे जा रहे हैं, सीधे फार्म-6 भरकर उनका नाम मतदाता सूची में जोड़ा जा रहा है। इससे बड़ी संख्या में महिलाओं के नाम मतदाता सूचियों में जुड़े हैं। मतदान केन्द्रों पर न्यूनतम सुविधाओं की सुनिश्चितता बनाये रखने के लिये भी कार्यवाही जारी है। सभी मतदान केन्द्रों का भ्रमण सम्बन्धित एसडीएम द्वारा किया जा चुका है। प्रत्येक मतदान केन्द्र में पानी और शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
कलेक्टर ने बताया कि जिले में 353 मतदान केन्द्रों को आरम्भिक तौर पर क्रिटिकल के रूप में चिन्हित किया गया है। इसी तरह 5 लोकेशंस ऐसी हैं, जिनकी वल्नरेबल एरिया के रूप में पहचान की गई है।
सभी पेंडिंग वारंट्स की तामिली होगी
बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर ने कहा कि विधानसभा निर्वाचन के दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने के लिये पुलिस द्वारा गुंडा तत्वों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। इस बार उपद्रवियों से निपटने के लिये सिंहस्थ में क्रय किये गये कैमरों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जायेगा। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ढाई हजार पेंडिंग वारंटों की तामिली करवाई जा चुकी है। शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिये निर्वाचन के समय जिले को अतिरिक्त फोर्स भी प्राप्त होगा, जिसका डिप्लॉयमेंट किया जायेगा। निर्वाचन के दौरान नाकाबन्दी की प्रभावी कार्यवाही भी की जायेगी।
हूटर प्रतिबंधित रहेगा
निर्वाचन के दौरान चारपहिया वाहनों पर लगे हूटर पर नियंत्रण किया जायेगा। निर्वाचन आयोग द्वारा दिये गये निर्देशों के पालन में किसीभी वाहन पर हूटर लगा पाये जाने पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने निर्वाचन में भाग लेने वाले सभी दलों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि वे प्रचार के दौरान हूटर लगे वाहनों का प्रयोग न करें।
सभा की अनुमति पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर
मोबाइल एप पर भी परमिशन दी जायेगी
बैठक में विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा सभा, रैली एवं ध्वनि विस्तारक यंत्रों की अनुमति के सम्बन्ध में चर्चा की गई तथा इन सभी अनुमतियों के लिये सिंगल विंडो सिस्टम बनाने का आग्रह किया गया। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने पार्टी के प्रतिनिधियों को बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा दिये गये निर्देश अनुसार सभा एवं इससे जुड़ी हुई अन्य अनुमतियां देने के लिये पहले आओ-पहले पाओ की पद्धति अपनाई जायेगी। ऑनलाइन आवेदन एप के माध्यम से भी किये जा सकेंगे। ऑफलाइन आवेदन देने वालों को पावती देते वक्त 'टाईम स्टेम्प' लगाकर आवेदन प्राप्त होने का समय भी अंकित किया जायेगा। कलेक्टर ने बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा सुविधा, सुगम एवं समाधान नाम के 3 मोबाइल एप तैयार किये गये हैं। इनके माध्यम से अनुमतियां ऑनलाइन ही जारी होंगी। सुविधा एप से सभा एवं रैली की अनुमति, सुगम एप से वाहन आदि की अनुमति तथा समाधान एप में शिकायतों के निराकरण की व्यवस्था रहेगी। सभी पार्टी के पदाधिकारियों से आग्रह किया गया है कि वे गूगल प्लेस्टोर से उक्त एप को डाउनलोड करें।