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निगमायुक्त से मिलकर बोले वार्ड 47 के रहवासी, पार्क पर हो रहे अवैध निर्माण पर लगाओ रोक


 

उज्जैन। वार्ड क्रमांक 47 अलखधाम में नगर एवं ग्राम निवेश विभाग द्वारा पार्क के लिए आरक्षित भूमि पर धारा डी 5 के अंतर्गत अवैध रूप से शौचालय निर्माण किए जाने का विरोध किया है जिस पर तत्काल रोक लगाई जाए।

यह बात वार्ड क्रमांक 47 के पार्षद विजयसिंह दरबार के साथ निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल से मिलने पहुंचे पीसी जौहरी, पी एम दीक्षित, श्री देसाई, श्री त्रिवेदी एवं क्षेत्र की महिलाओं ने कही। आपने कहा कि अलखधाम नगर में स्थित साईं मंदिर की भूमि नगर एवं ग्राम निवेश विभाग में बगीचे के रूप में आरक्षित है। लेकिन मंदिर के पदाधिकारी नियमों का उल्लंघन करते हुए श्री साईं मंदिर के पीछे पश्चिम दक्षिण कोने पर दो शौचालय का निर्माण अवैध रूप से कर रहे हैं। उपस्थितजनों ने निगम बाइक से मांग की है, कि इस निर्माण कार्य को तत्काल रुकवाया जाए क्योंकि यदि शौचालय का निर्माण किया जाता है तो यह धारा 72 डी 5 का उल्लंघन होगा। क्षेत्र के वरिष्ठजनों ने निगमायुक्त के साथ ही इस अवैध निर्माण कार्य की शिकायत कलेक्टर मनीष सिंह अनुविभागीय अधिकारी उज्जैन एवं अध्यक्ष श्री साईं मंदिर समिति अलखधामनगर उज्जैन को भी की है। 

बाउंड्रीवॉल का भी हो गया अवैध निर्माण

मंदिर के पीछे लगभग 3 फीट शासकीय भूमि पर कब्जा कर लगभग 300 फीट लंबी बाउंड्री वाल का निर्माण किया गया है, जिससे सड़क लगभग तीन से चार फीट सक्रिय हो गई है इस बाउंड्रीवाल के स्थान पर नगर निगम जालिया लगाने की कार्यवाही करने वाला था लेकिन मंदिर के कर्ताधर्ताओ ने इस बात का विरोध किया और बाउंड्रीवॉल का निर्माण कर लिया। क्षेत्र के लोगों ने इस बाउंड्रीवाल को भी तत्काल हटवाने की मांग की है। जिससे कि यहां जालियां लगाई जा सके और सक्रिय हो चुकी सड़क फिर से यथास्थिति में आ सके।

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ट्रस्टियों  पर भी लगाया आरोप

वार्ड क्रमांक 47 के वरिष्ठ नागरिकों ने निगमायुक्त सुश्री पाल को बताया कि बगीचे की इस भूमि पर वर्ष 1991 में आकाश गृह निर्माण सहकारी संस्था द्वारा अवैध रूप से इस मंदिर का निर्माण किया गया था। जिसका कड़ा विरोध जताया गया था। वर्ष 2002 में उक्त श्री साईं मंदिर को प्रशासन अपने कब्जे में ले लिया था जिसके बाद अनुविभागीय अधिकारी उज्जैन को अध्यक्ष एवं तहसीलदार उज्जैन को सचिव नियुक्त कर दिया गया था और प्रबंधक की जिम्मेदारी 2 से 3 वर्षों में सेवानिवृत्त हुए। डिप्टी कलेक्टर हुकुमचंद सोनी को पदस्थ किया गया था श्री स्वामी के पदस्थ रहते हुए ट्रस्टी बनने वाले ओम बंसल द्वारा बीते काफी समय में नोटबंदी से लेकर अब तक मंदिर में उक्त आरक्षित भूमि पर अतिक्रमण करते हुए अन्य मंदिरों का निर्माण करवा दिया गया है। साथ ही भक्तों से दान की राशियां एकत्रित कर खर्च की गई राशि का हिसाब भी अब तक किसी को नहीं बताया गया है इस खर्च की राशि से समिति तो ठीक प्रशासन भी अब तक अनभिज्ञ है। क्षेत्रवासियों ने अब तक काटी गई रसीद की भी जांच करने की मांग की है।

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