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अवंतिकानाथ राजाधिराज भगवान श्री महाकाल राजसी ठाट-बाट के साथ नगर भ्रमण पर निकले


 

भगवान महाकाल ने भक्तों को चार रूपों में दिये दर्शन

 अवंतिकानाथ राजाधिराज भगवानमहाकाल श्रावण माह के चौथे सोमवार को राजसी ठाटबाट के साथ अपनी प्रजा को दर्शन देने के लिए नगरभ्रमण पर निकले। भगवान श्री महाकाल ने अपनी प्रजा को चार रूपों में दर्शन दिये। सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चंद्रमोलीश्वर के स्वरुप का पूजन-अर्चन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सपरिवार तथा केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती, उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने किया। पूजन प. घनश्याम शर्मा एवं आशीष पुजारी द्वारा करवाया गया। सभामंडप में पूजा-अर्चना के अवसर पर सांसद डॉ. चिंतामणि मालवीय, विधायक डॉ. मोहन यादव, श्री अनिल फिरोजिया, उज्जैन विकास प्राधिकरण अध्यक्ष श्री जगदीश अग्रवाल, श्री श्याम बंसल, श्री विवेक जोशी एवं गणमान्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। पूजन करनेके बाद निर्धारित समय पर  भगवान श्री चंद्रमोलीश्वर की पालकी को नगर भ्रमण के लिये मुख्यमंत्री ने कन्धा देकर रवाना किया गया।

मुख्यमंत्री  श्री शिवराज सिंह चौहान परिजनों के साथ सवारी के आगे चलते हुवे मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुचे। मंदिर द्वार पर पुलिस बल द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर के पश्चात सवारी श्री महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी, होते हुए रामघाट पहुची। जहा पर श्री मनमहेश व चन्द्रमौलीश्वर भगवान का माँ क्षिप्रा के जल से अभिषेक होने के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई श्री महाकालेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई। सवारी के साथ पर्याप्त संख्या में घुडसवार, पुलिस बल, नगर सैनिक, विशेष सशस्त्र बल की टुकडियां तथा पुलिस बैंड तथा भजन मंडलिया भी शामिल थी।

चतुर्थ सवारी में भगवान श्री महाकाल ने उमा-महेश के स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिये

रजतजडित पालकी में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर विराजित थे और हाथी पर श्रीमनमहेश, गरूड रथ पर श्री शिव तांडव की प्रतिमा और नंदी रथ पर श्री उमा-महेश विराजित थे। 

पाचवी सवारी में डोल पर होलकर स्टेट का मुखारविंद शामिल होगा

27 अगस्त को पाचवी सवारी निकाली जायेगी। पाचवी सवारी में श्री चन्द्रमौलेश्वर पालकी में, श्री महमहेश हाथी पर, श्री शिव ताण्डव की प्रतिमा गरूड पर, श्री उमा-महेश बैल पर के अतिरिक्त डोल पर होलकर स्टेट का मुखारविंद सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेगे। अंतिम शाही सवारी सोमवार 03 सितम्बर को  राजसी ठाट-बाट के साथ निकलेगी।

 

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