top header advertisement
Home - उज्जैन << शुद्ध पेयजल की कमी के कारण जलजनित रोग सबसे अधिक जानलेवा

शुद्ध पेयजल की कमी के कारण जलजनित रोग सबसे अधिक जानलेवा


 

    उज्जैन । बारिश के मौसम में मुख्य रूप से दूषित जल के उपयोग के कारण होने वाली बीमारियां ही मुख्य रूप से देखी जाती है। दूषित जल के उपयोग के कारण जलजनित रोग सबसे अधिक जानलेवा होते हैं। दूषित जल के सेवन से उल्टी, दस्त, पेचिश, हैजा, टायफाइड, पीलिया, डायरिया, कृमि संक्रमण त्वचा एवं आंखों के रोग, मच्छरों एवं मक्खियों से फैलने वाले रोग प्रमुख हैं। बारिश में यह समस्या बढ़ जाती है। पानी और अस्वच्छ आदतों से फैलने वाली बीमारियों को मोटे तौर पर दस्त/कृमि संक्रमण/त्वचा और आंखों के रोग/मच्छरों एवं मक्खियों से फैलने वाले रोग शामिल हैं।

दूषित पानी का उपयोग न किया जाये

दूषित पानी के कारण दस्त रोग फैलता है

    मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.राजू निदारिया ने बताया कि बारिश के दौरान दूषित पानी के कारण प्राय: दस्त रोग फैलता है और यह मुख्य रूप से बच्चों में अधिक होता है। इस दौरान सबको शुद्ध पेयजल का ही उपयोग करना चाहिये और जहां तक हो सके पानी उबालकर एवं छानकर पीने में उपयोग में लाया जाये। दस्त रोग की रोकथाम के लिये शुद्ध पेयजल एवं शुद्ध भोजन का उपयोग करना चाहिये। सड़े-गले फल एवं खाद्य पदार्थों का उपयोग न करें और खाना खाने से पहले एवं शौच के बाद साबुन से अवश्य हाथ धोंयें। खुले में शौच न करें और शौचालय का उपयोग किया जाये। घर के आसपास साफ-सफाई रखें। दस्त लग जाने पर ओआरएस एवं जिंक टेबलेट का उपयोग चिकित्सक की सलाह के अनुसार किया जाये। खाने-पीने की वस्तुओं को ढंककर रखा जाये। मक्खियों से बचाव किया जाये। हरी सब्जी एवं फलों का उपयोग करने के पहले साफ पानी से धोकर उसका उपयोग किया जाये।

आंखों का रोग होने पर उपाय

    वर्षा ऋतु में होने वाली बीमारियों में कई लोगों को आंखों में रोग हो जाता है और खुजली आदि होती है। इस दौरान आंखों में खुजली एवं आंखें लाल हो जाने एवं सफेद व पीले रंग का पदार्थ जमा होने के कारण आईफ्लू, कंजस्टिवाईटिस या आंखें आने के रूप में जाना जाता है। यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है और इसका कारण संक्रमित उंगलियां, तौलिया, रूमाल आदि का उपयोग एक-दूसरे व्यक्ति के बीच में होना भी प्रमुख कारण है। इन सबसे बचने के लिये आंखें आने पर बार-बार अपने हाथ एवं चेहरे को शुद्ध ठण्डे पानी से धोयें, परिवार के सभी सदस्य अपने अलग-अलग तोलिये एवं रूमाल का उपयोग करें। स्वच्छ पानी का उपयोग करें और बार-बार आंखों को हाथ न लगायें। धूप के चश्मे का प्रयोग किया जाये और चिकित्सक को दिखाया जाये।

मलेरिया डेंगू होने पर उपाय

    बारिश के मौसम में मलेरिया/डेंगू रोग भी फैलता है, जिससे मरीज को ठण्ड लगकर बुखार आता है। प्राय: बरसात के दिनों में जल जमा हो जाता है, जो खेत, तालाब, गड्ढे, खाई के आसपास रखे टूटे-फूटे डब्बे, पुराने टायर, पशु के पानी पीने का होद आदि। इस प्रकार के भरे हुए पानी में प्राय: मच्छर के लार्वा पैदा होते हैं, जो बाद में मच्छर बनकर रोग फैलाते हैं। मलेरिया से बचाव हेतु घर के आसपास जल जमा न होने दें और रूके हुए पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ ऑइल डालें।

उक्त बीमारियों के बचाव के उपाय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.राजू निदारिया ने बताये हैं। अपने घरों के कूलर, फूलदान, फ्रीज, ट्रे आदि को सप्ताह में एक बार अवश्य साफ करें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। कीटनाशक का छिड़काव करवायें। मलेरिया रोग हो जाने पर खून की जांच अवश्य करायें और चिकित्सकों की सलाह से पूर्ण उपचार लिया जाना चाहिये।

 

Leave a reply