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शहीदों की कुर्बानी के कारण ही हम आज आगे बढ़ रहे हैं शहीदों को शासन-प्रशासन का नमन



शहीद सम्मान दिवस पर शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया, संभागायुक्त एवं आईजी महाराजवाड़ा स्कूल में कार्यक्रम में शामिल हुए 
उज्जैन | शहीदों की कुर्बानी के कारण ही हम आज आगे बढ़ रहे हैं तथा फल-फूल रहे हैं। उनके बलिदान की कीमत चुकाई नहीं जा सकती। आज हम अपने देश के अमर शहीदों को याद करके तथा उनके परिजनों को सम्मानित करके स्वयं गौरवान्वित हो रहे हैं। अमर शहीद श्री जितेन्द्रसिंह चौहान एवं शहीद श्री राजेश चतुर्वेदी ने न केवल अपने देश, अपितु उज्जैन तथा अपने विद्यालय का नाम रौशन किया है। हम सभी को इनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। शासन-प्रशासन की ओर से इन्हें शत-शत नमन।
    संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने आज मंगलवार को शहीद सम्मान दिवस के अवसर पर महाराजवाड़ा क्रमांक-2 में आयोजित शहीद सम्मान समारोह में ये विचार प्रकट किये। कार्यक्रम में शहीद श्री जितेन्द्रसिंह चौहान के पिता श्री ध्रुवसिंह चौहान, माता श्रीमती कमला चौहान, पत्नी श्रीमती सुधा चौहान तथा एडीजी श्री अशोक अवस्थी, संभागायुक्त श्री एमबी ओझा, आईजी श्री राकेश गुप्ता, संयुक्त संचालक शिक्षा श्री संजय गोयल आदि उपस्थित थे।
    कार्यक्रम में एडीजी श्री अशोक अवस्थी ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य हमारे वीर सपूतों को याद करना है, जिससे कि हमारे अन्दर राष्ट्र भावना एवं देशप्रेम जागृत हो। हमारा कर्तव्य है कि हम अमर शहीदों की वीर गाथाओं को अपने अन्दर आत्मसात करें।
  

 आईजी श्री राकेश गुप्ता ने कहा कि सर्वोच्च दान जीवनदान होता है। शहीद मेजर श्री राजेश चतुर्वेदी एवं शहीद श्री जितेन्द्रसिंह चौहान का बलिदान अमूल्य है। उन्होंने कहा कि धन्य हैं वे माता-पिता जिन्होंने ऐसे वीर सपूतों को जन्म दिया। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित शहीद के माता-पिता एवं पत्नी को सादर वन्दन किया। हमें शहीदों के बलिदान से शिक्षा लेनी चाहिये।
    कार्यक्रम में शहीद श्री जितेन्द्रसिंह चौहान एवं शहीद श्री राजेश चतुर्वेदी की गौरव गाथा का वर्णन करते हुए सेना के सेवा निवृत्त अधिकारी श्री कमल सोनी ने बताया कि श्री जितेन्द्रसिंह चौहान उड़ी सेक्टर में गोला बारूद भण्डार के इंचार्ज थे। उनका तबादला लखनऊ हो जाने के कारण वे 23 दिसम्बर 2004 को अपने रिलीवर को गोला बारूद भण्डार का चार्ज देने सेना के ट्रक शक्तिमान से जा रहे थे। उनके साथ उनके 5 साथी भी थे। उसी दौरान पाकिस्तानी चौकियों से भारी गोलाबारी होने लगी तथा गाड़ियों पर फायरिंग चालू हो गई। जितेन्द्र व उनके साथियों ने आतंकियों को ललकारा तथा आतंकवादियों पर फायरिंग प्रारम्भ कर दी। गाड़ी तेज गति में थी तथा समुद्री सतह से लगभग 11 हजार फीट की ऊंचाई पर पहाड़ी सड़क पर दौड़ रही थी। गाड़ी के टायरों में दुश्मन की गोलियां लगी तथा गाड़ी हजारों फीट गहरी खाई में लुढ़क गई। आतंकियों से लड़ते हुए पांचों शहीद हो गये। जिस समय श्री जितेन्द्रसिंह चौहान की मृत्यु हुई वे केवल 28 वर्ष के थे।
    शहीद मेजर श्री राजेश चतुर्वेदी वायु सेना की यूनिट 662 में पायलट के रूप में पदस्थ थे। 14 जुलाई 1990 को वे अपने अधिकारियों के साथ ऑपरेशन रक्षक के तहत कश्मीर में दुश्मन के खुफिया पहाड़ी अड्डों पर हैलीकॉप्टर उड़ा रहे थे। अचानक उनका कंट्रोल रूम से सम्पर्क टूटा और उनका हैलीकॉप्टर दुर्गम पहाड़ियों में लापता हो गया। सर्च ऑपरेशन चलाये जाने के बाद 28 जुलाई 1990 को हैलीकॉप्टर का मलबा तथा मेजर राजेश चतुर्वेदी एवं उनके साथियों के शव पीरपंजाल रेंज की पहाड़ियों से प्राप्त हुए। पर इसके पूर्व मेजर राजेश चतुर्वेदी ने सारी खुफिया जानकारियां हासिल कर लीं तथा अपने हैडक्वाटर को प्रेषित भी कर दीं।
परिजनों को किया शॉल, श्रीफल भेंटकर सम्मानित
    कार्यक्रम में संभागायुक्त श्री एमबी ओझा एवं अन्य अतिथियों ने शहीदों के परिजनों पिता श्री ध्रुवसिंह चौहान, माता श्रीमती कमला चौहान, पत्नी श्रीमती सुधा चौहान को शाल, श्रीफल भेंटकर तथा माला एवं पुष्पगुच्छ भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भोपाल से भिजवाए गए शहीदों के सम्मान-पत्रों को भी उनके परिजनों को भेंट किया गया। कार्यक्रम के दौरान पूरा वातावरण देशभक्ति से भर गया तथा सभी "शहीद राजेश चतुर्वेदी अमर रहे" तथा "शहीद जितेन्द्रसिंह चौहान अमर रहे" एवं "भारत माता की जय" के नारे लगा रहे थे।

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