top header advertisement
Home - उज्जैन << पहली बार गुजराती कवि सम्मेलन, तीन कवियों ने किया रचनापाठ

पहली बार गुजराती कवि सम्मेलन, तीन कवियों ने किया रचनापाठ


ujjain @ कालिदास अकादमी के संकुल हॉल में रविवार की रात गुजराती कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। श्रीगुजराती समाज उज्जैन के तत्वावधान में शहर में पहली बार गुजराती भाषा में ही यह कवि सम्मेलन हुआ। जिसमें मुंबई के हितेन आनंदपरा, अहमदाबाद के व्यंग्यकार कृष्णकांत दवे आैर जामनगर के डॉ. मनोज जोशी मन ने रचनाएं सुनाई। हितेन आनंदपरा ने गुजराती में जेटली दुनियामां भलमनसाई छे, ऐ बधीये झाड़मां सचवाई छे, चल खुलासा आपवा तैयार था, एमनी नजरो फरी वहेमाई छे..., ऐज लोको आखरे फावी गया, जे समयसर बीजने वानी गया, सर्वप्राणी स्पष्ट छे एक वात पर, माणसो जंगलो ने तफडावी गया... आदि पंक्तियां सुनाई। व्यंग्यकार कृष्णकांत दवे ने राजनीति पर व्यंग्य करते हुए एक हतो अंगूठो ए पण मांगी बैठो द्रोण, एकलव्यनुं कोण? बोलो एकलव्यनुं कोण?... सुनाया। डॉ. मनोज जोशी ने गणतरी ने लई साथे सदा व्यवहार नीकरे छे, नथी ऐ ओरखातो एकलो जो बहार नीकरे छे... सुनाई। संचालन गुजराती समाज के अध्यक्ष संजय आचार्य ने किया।
 

Leave a reply