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सप्तसागरों के साथ 21 पवित्र नदियों का जल लेकर आई ध्वज चुनरी एवं कावड़ यात्रा


 

बाबा महाकाल का किया जलाभिषेक, मां क्षिप्रा को ओढ़ा चुनरी-महादेव को किया ध्वज अर्पित

उज्जैन। महिदपुर के इंदौख स्थित गौमुख घाट से कालीसिंध नदी सहित सप्तसागरों एवं 21 पवित्र नदियों का जल लेकर 6 अगस्त को निकली ध्वज चुनरी एवं कावड़ यात्रा बुधवार को उज्जैन पहुंची। यहां विश्राम पश्चात गुरूवार सुबह गायत्री शक्तिपीठ पर ध्वज पूजन पश्चात चल समारोह के साथ शहर के विभिन्न मार्गों से होती हुई महाकाल मंदिर पहुंची जहां जलाभिषेक किया गया तथा रामघाट पहुंचकर मां क्षिप्रा नर्मदा को चूनरी ओढ़ाई कर महादेव को ध्वज अर्पित किया। 

यात्रा संयोजक केशरसिंह पटेल के अनुसार मां क्षिप्रा नर्मदा संगम लोक संस्कृति समिति के तत्वावधान में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी कावड़ यात्रा निकाली गई। बुधवार सुबह 9.30 बजे गायत्री शक्तिपीठ अंकपात द्वार पर संत रामेश्वरदास महाराज, संगठन मंत्री प्रदीप जोशी, उर्जा मंत्री पारस जैन, प्रदीप पांडे, जगदीश अग्रवाल, दिवाकर नातू, किशोर खंडेलवाल, श्याम बंसल, विवेक जोशी, यात्रा संयोजक केशर पटेल द्वारा ध्वज, 21 नदियों के जल एवं चुनरी का पूजन किया। पूजन पं. मनोज तिवारी एवं अंबाराम जोशी ने मंत्रोच्चार के साथ कराया। इस अवसर पर कावड़ यात्रियों के साथ मुख्य रूप से ओम जैन, गोपाल माहेश्वरी, पं. जगदीश शुक्ला, डॉ. घनश्याम शर्मा, विनीता शर्मा, सोनू गेहलोत, दिनेश मकवाना, तेजूसिंह तंवर, गोपीलाल आंजना, धूलसिंह पटेल सर, उमरावसिंह चौहान, जीवनसिंह आंजना, राजू पटेल, हेमंत आंजना, लीलाबाई जाट, आनंद गुरू त्रिवेदी, मांगू पहलवान, शिवेन्द्र तिवारी, गट्टूसिंह मीणा, रोहित बैरागी, सतीश राठौर, सरपंच ओमप्रकाश शर्मा, पदमसिंह पटेल, सरपंच बहादुरंिसह आंजना, विक्रमसिंह, संजय आंजना, नंदकिशोर सोलंकी, अशोक देवड़ा, चंदरसिंह पटेल, जितेन्द्र आंजना, राजेश पटेल, पूरसिंह, विक्रमसिंह तंवर, कालू पूरि सहित हजारों लोग शामिल हुए। ध्वज कावड़ यात्रा गायत्री शक्ति पीठ से प्रारंभ होकर बुधवारिया, कंठाल, गोपाल मंदिर होते हुए महाकाल पहुंची जहां सप्तसागर सहित 21 पवित्र नदियों से बाबा महाकाल का पंचामृत पूजन के साथ जलाभिषेक संत रामेश्वरदास महाराज, यात्रा संयोजक केशरसिंह पटेल, दिनेश मकवाना, तेजूसिंह तंवर, गोपीलाल आंजना, उमरावसिंह चौहान, राजू पटेल आदि ने किया। पश्चात रामघाट पर मोक्षदायिनी मां क्षिप्रा, नर्मदा को पंचामृत पूजन कर 131 मीटर की चुनरी ओढ़ाई गई एवं ध्वज पूजन कर महादेव को ध्वज अर्पित किया। तत्पश्चात विशाल भंडारे के साथ यात्रा का समापन हुआ। 

गांव-गांव हुआ यात्रा पर पुष्पवर्षा

मां क्षिप्रा नर्मदा संगम लोकसंस्कृति समिति के तत्वावधान में निकली यात्रा का ग्रामीण क्षेत्रों में पुष्पवर्षा कर स्वागत हुआ। इंदौख, मूंडला, सौंधिया, धोमा पिपलिया, लोटिया, मकला, काचरिया, मोचीखेड़ा, खजूरिया, रावतखेड़ी, लाखाखेड़ी, महू, नारायणाधाम, शेरपुर, अरनिया, बालोदा, कालूहेड़ा, बिहारिया, मोतीपुरा खेड़ा, पानबिहार, कागदी खराड़िया, भैरवगढ़ आदि क्षेत्रों में स्वप्लपाहार एवं चाय-नाश्ते के आयोजन के साथ ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया। 

4 स्थानों पर निकले चल समारोह

यात्रा में 4 स्थानों पर भव्य चल समारोह निकले। इंदौख में हजारों की संख्या में महिला एवं पुरूष श्रध्दालुओं ने ध्वज, कावड़ एवं मां नर्मदा क्षिप्रा को अर्पित करने लाई गई चूनरी का पूजन किया। इसके पश्चात झारड़ा में यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। वहां भी हजारों की संख्या में यात्री शामिल रहे। महिदपुर में विशाल चल समारोह निकला। चल समारोह में लोगों ने मंच बनाकर स्वागत किया एवं श्रध्दालुओं को फलाहार, खिचड़ी, पोहे आदि का वितरण किया। 

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