3 महीने में उठाई 65 लावारिस लाशें
20 हजार लावारिस लाशों का दाह संस्कार कर चुके समाजसेवी डागर-डागर ने कहा आधे से अधिक लोगों की नहीं हो पाती शिनाख्त, गुमनाम लाश बनकर रह जाते हैं
उज्जैन। अब तक करीब 20 हजार लावारिस लाशों को उठाकर उनका दाह संस्कार करने वाले समाजसेवी अनिल डागर ने मई 2018 से अगस्त 2018 के प्रारंभ तक 3 महीनों में ही करीब 65 लावारिस लाशें उठाई तथा इनका अंतिम संस्कार किया। इन लाशों में आधे से अधिक की अब तक शिनाख्त ही नहीं हो पाई है।
समाजसेवी अनिल डागर के अनुसार बीमारी, डूबकर, दुर्घटना, फांसी लगाकर मृत लोगों की लाशें इनमें शामिल है। महाकाल थाना क्षेत्र में 13 लावारिस लाशें मिलीं। जीवाजीगंज में 2, कोतवाली थाना क्षेत्र में 12, खाराकुआ थाना में 2, चिमनगंज थाना क्षेत्र में 9, माधवनगर में 2, देवासगेट में 5, नीलगंगा 4, भेरूगढ़ में 6, नानाखेड़ा में 5 लावारिस लाश जिनमें 2 बच्चों की लाशें शामिल हैं। नागझिरी थाना में 1, उन्हेल थाना में 1, नरवर थाना क्षेत्र में 1 वहीं बड़नगर तथा घटिया थाना क्षेत्र में 1-1 लावारिस लाश मिलीं। अनिल डागर ने बताया कि लावारिस लाशों में आधे से अधिक मृतकों की पहचान नहीं हो पाती, कई बार महीनों या सालों बाद परिजन आते हैं जिन्हें उनके पास मिले सामान के आधार पर पहचान कराई जाती है। वहीं कई बार गाढ़ देने के बाद लावारिस लाशों को निकालकर परिचितों को सौंपी जाती है लेकिन इस तरह के प्रकरण कम ही होते हैं। अक्सर शिनाख्त न हो पाने के कारण ये लाशें गुमानाम ही रह जाती हैं।