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शासकीय बालिका गृह उज्जैन में 14 बालिकाएं दत्तक जाने हेतु विधिक रूप से मुक्त घोषित


 

    उज्जैन । महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित शासकीय बालिका गृह उज्जैन में 14 बालिकाएं दत्तक जाने हेतु विधिक रूप से मुक्त घोषित की गई हैं। दत्तक ग्रहण हेतु दी जाने वाली बालिकाओं को पहले विधिक रूप से मुक्त कराया जाता है एवं उनके जैविक अभिभावकों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाता है। जैविक अभिभावक उपलब्ध न होने की दशा में बाल कल्याण समिति से उन्हें विधिक रूप से मुक्त घोषित कराया जाकर कारा पर प्रविष्टि की जाती है। तत्पश्चात दत्तक हेतु इच्छुक अभिभावकों द्वारा बालिका को आरक्षित किया जाकर न्यायालय के माध्यम से बालिकाओं को दत्तक दिया जाता है।

    यह जानकारी जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री एसए सिद्धिकी द्वारा दी गई। इस कार्य में बाल संरक्षण अधिकारी श्रीमती अमृता सोनी, श्रीमती शोभना चौहान, मातृछाया संचालक श्री अनुराग जैन और समन्वयक श्री रत्नेश जैन का विशेष प्रयास है। शासकीय बालिका गृह उज्जैन की अधीक्षिका श्रीमती मीना मुंगे ने बताया कि बालिका गृह में देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाली 6 से 18 वर्ष से उम्र की अनाथ, परित्यक्त, अभ्यर्पित बालिकाओं को संरक्षण दिया जाता है। संस्था में उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और आवास की व्यवस्था की जाती है। साथ ही शालात्यागी अप्रवेशी बालिकाओं को संस्था में ही औपचारिक शिक्षा तथा जीवन उपयोगी प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि बालिकाएं समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें।

गाजियाबाद निवासी श्री भट्टाचार्य दम्पति द्वारा 14 वर्षीय बालिका को दत्तक लिया गया

वर्तमान के दौर में बालिकाओं व महिलाओं के साथ दुष्कर्म, छेड़छाड़ की खबरे देखने और सुनने में आती हैं, वहीं कुछ घटनाएं ऐसी भी हैं जो मन को सुकून देती हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के एक शिक्षित दम्पति श्री अमलकान्त भट्टाचार्य एवं श्रीमती मंजू भट्टाचार्य द्वारा शासकीय बालिका गृह उज्जैन में निवासरत 14 वर्षीय बालिका प्रिया, जो कक्षा 8वी में अध्ययनरत है, को केन्द्रीय दत्तक ग्रहण कारा से रिजर्व कर उज्जैन जिले की दत्तक ग्रहण संस्था मातृछाया के माध्यम से दत्तक लिया गया है। इससे बालिका को परिवार और स्थाई संरक्षण मिला। इससे बालिका बहुत प्रसन्न है। वह अपने आगे की पढ़ाई अब गाजियाबाद में ही करेगी।

 

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