सावन सोमवार पर चन्द्रमोलेश्वर के रूप में प्रजा का हाल जानने निकले महाकाल
उज्जैन @ सावन सोमवार पर भूतभवान महाकालेश्वर की सवारी ठाट-बाठ से निकली। चांदी की पालकी में सवार बाबा महाकाल ने नगर भ्रमण कर चन्द्रमोलेश्वर रूप में भक्तों को दर्शन दिए और प्रजा का हाल जाना। सवारी को देखने के लिए देशभर से हजारों की तादात में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे। महाकाल मंदिर में सबसे पहले कोटी तीर्थ कुण्ड के सामने चन्द्रमोलेश्वर रूप में विराजित महाकाल के चांदी के मुखौटे का मंदिर के पुजारियों द्वारा पूजन अर्चन कराया गया। इसके बाद शंख की ध्वनि के साथ महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर मंदिर परिसर से बाहर निकले एवं नगर भ्रमण के लिए प्रस्थान किया।
पालकी जैसे ही मंदिर परिसर से बाहर आई जिला पुलिस बल द्वारा महाकाल को सलामी दी गई। जिसके बाद महाकाल नगर भ्रमण पर निकले। सवारी में विभिन्न वैश-भूषा पहने भक्त नाच-गाकर सवारी की शोभा बढ़ा रहे थे। वहीं हजारों की संख्या में शामिल हुए भक्तगण महाकाल की एक झलक पाने के लिए लालायित दिखे। सवारी अपने निर्धारित मार्गो से होते हुए शिप्रा नदी के रामघाट पहुंची जहां विधिवत् महाकाल का जलाअभिषेक और पूजन अर्चन किया गया। इसके बाद नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए सवारी महाकाल मंदिर पहुंची जहां सवारी का समापन हुआ। सवारी में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के कडे इंतजाम किए गये थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस जवान तैनात थे। प्रशासन के आला अधिकारी एवं पुलिस के आला अधिकारी भी सवारी की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे थे।