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Home - उज्जैन << श्रावण महोत्सव की दूसरी प्रस्तुति में मुंबई के श्री नीलाद्री कुमार के सितार वादन एवं इन्दौर के वरदा कला संस्थान की भरतनाट्यम की प्रस्तुति ने घोला आस्था का रस

श्रावण महोत्सव की दूसरी प्रस्तुति में मुंबई के श्री नीलाद्री कुमार के सितार वादन एवं इन्दौर के वरदा कला संस्थान की भरतनाट्यम की प्रस्तुति ने घोला आस्था का रस


 

उज्जैन । श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के महति आयोजन श्रावण महोत्सव की दूसरी संध्या में पहली प्रस्तुति वरदा कला संस्थान इन्दौर द्वारा भरतनाट्यम की प्रस्तुति हुई। संस्थान की निदेशिका एवं संचालिका श्रीमती श्रुति राजीव शर्मा ने बताया कि शिव को अर्पित इस नृत्य नाटिका में शिव तत्व की महिमा, शिव लीला, शिव के विभिन्न रूप, महाकाल मंदिर की कथा, शिवतांडव पर प्रस्तुति दी गयी। प्रस्तुति का प्रारंभ गणेश पुष्पांजलि से किया गया। जिसमें रागम, अरभी, तालम आदि की प्रस्तुति दी गई। उसके पश्चात दीपांजलि में दीपों द्वारा देवी स्तुति पर नृत्य, राग हंसध्वनि मे नटेश कौतुवम के माध्यम से भगवान नटराज की स्तुति, शम्भो शिव शम्भो कीर्तनम की प्रस्तुति में संस्थान की बालिकाओं द्वारा शिव तत्व के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डालते हुए “शिर्वाचन” नामक नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी गई। जिसमें संस्था की ओर से सुश्री भूमि, अंतरा, ख़ुशी, सौम्या, अंजली, ध्वनि, अक्षरा, प्रियांशी, चिन्मयी, अनिका,  अनघा व मृत्युंजय ने भाग लिया। नृत्य नाटिका का निर्देशन श्रीमती श्रुति राजीव शर्मा द्वारा किया गया। 
दूसरी प्रस्तुति मुंबई के श्री निलाद्री कुमार के सितार वादन की हुई। तबले पर प्रसिद्ध तबला वादक पद्मश्री श्री विजय घाटे ने संगत की। अपनी प्रस्तुति की शुरुवात राग जयजयवंती के आलाप, तीनताल में निखत बंदिश से की । उसके पश्चात् दोनों ख्यातनाम कलाकारों द्वारा ताल और वाद्य की जुगलबंदी प्रस्तुत की गई।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य अतिथि आवाहन अखाडे के महामंडलेश्वर स्वामी सीमानंद गिरी जी महाराज, ऊर्जा मंत्री पारसचन्द्र जैन, प्रशासक श्री अभिषेक दुवे, .श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरू, श्री जगदीश शुक्ला एवं गणमान्य अतिथियों द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान के समक्ष दीप-प्रज्जवलन कर किया गया। इस दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति द्वारा संचालित श्री महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के बटुकों द्वारा स्वस्ति वाचन किया गया। मंच संचालन श्री सुदर्शन अयाचित द्वारा किया गया।
संगीत की इस विविधता भरी सुरीली संध्या के गवाह बनने नगर के कलाप्रेमी दर्शक व कलाकार भी आये। 12 अगस्त रविवार को श्रावण महोत्सव की तीसरी संध्या में औरंगाबाद के श्री शरद दांडगे के तबला वादन, लखनऊ की सुश्री वंदना मिश्रा के शास्त्रीय गायन एवं नोएडा की सुश्री शिंजनी कुलकर्णी के कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी।

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