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भगवान श्री महाकाल आज चन्द्रमौलेश्वर के रूप में अपने भक्तों को दर्शन देंगे



भगवान महाकाल की आज दूसरी सवारी निकलेगी

उज्जैन । बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण-भादौ माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में श्रावण माह के दूसरे सोमवार 6 अगस्त को भगवान श्री महाकालेश्वर चन्द्रमौलेश्वर के रूप में अपने भक्तों को दर्शन देंगे। पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर और हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। भगवान श्री महाकालेश्वर जी की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के नवनिर्मित सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन होगा। उसके बाद भगवान चन्द्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। जैसे पालकी मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंचेगी, सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान महाकाल को सलामी दी जायेगी। उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग से होते हुए क्षिप्रातट रामघाट पर पहुंचेगी। जहा पर भगवान श्री महाकाल का क्षिप्रा के जल से अभिषेक एवं पूजन किया जायेगा। पूजन-अर्चन के बाद सवारी निर्धारित मार्गो से होते हुए पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुचेगी।

तीसरी सवारी 13 अगस्त को निकलेगी जिसमें पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश तथा गरूड़ रथ पर शिवतांडव विराजित होंगे। चैथी सवारी 20 अगस्त को निकलेगी जिसमें पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश विराजित होंगे। पांचवी सवारी 27 अगस्त को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमामहेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद रहेगा। अन्तिम शाही सवारी 03 सितम्बर को निकाली जायेगी। इस दौरान पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर श्री उमामहेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद तथा रथ पर सप्तधान्य मुखारविंद रहेंगे। सवारी का लाईव प्रसारण श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति की वेबसाईट www.mahakaleshwar.nic.in पर भी किया जा रहा है तथा प्रत्येक सोमवार को किया जावेगा। सवारी के दौरान श्रद्धालुओं से यह अपील की जाती है कि :-

1 कृपया सवारी मार्ग में सडक की ओर व्यापारी गण भट्टी चालू न रखें एवं न ही तेल का कढ़ाव रखें। 

2 कृपया दर्शनार्थी सवारी में उल्टी दिशा में न चलें तथा सवारी निकलने तक अपने स्थान पर खडे रहें।

3 दर्शनार्थी कृपया गलियों में वाहन न रखें।

4 श्रद्धालु सवारी के मध्य सिक्के नारियल केले फल आदि न फैंके ।

5 सवारी के बीच में प्रसाद व चित्र वितरण न करें, सवारी आगे बढने के पश्चात ही वितरण करें।

6 पालकी के आस-पास अनावश्यक संख्या में लोग न रहें।

 

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