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सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता सुधार के लिये 'एक परिसर एक शाला' योजना


 

45,384 सरकारी स्कूलों को एकीकृत करने पर एकीकृत स्कूलों की संख्या 20,656 होगी

उज्जैन । प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा में गुणवत्ता सुधार और उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग करने के लिये 'एक परिसर एक शाला' योजना लागू की गई है।

केन्द्र सरकार के निर्देश पर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और सर्व शिक्षा अभियान के एकीकरण की कार्यवाही की जा रही है। इसके परिणाम स्वरूप प्रारंभिक एवं माध्यमिक स्तर के सरकारी विद्यालयों के बीच विभेद समाप्त करते हुए पूर्ण एकीकृत विद्यालय की स्थापना की जायेगी। इसमें कक्षा-पहली से 12वीं तक अलग-अलग शालाओं को एक शाला के रूप में संचालित किया जायेगा।

मध्यप्रदेश में संचालित सरकारी विद्यालयों की जीआईएस मेपिंग के आधार पर एक परिसर में संचालित समस्त शालाओं का भौतिक सत्यापन स्कूल शिक्षा विभाग के मैदानी अधिकारियों से करवाया गया है। इस आधार पर प्रदेश में संचालित सरकारी शालाओं में से 45 हजार 384 स्कूलों को एकीकृत करने पर एकीकृत स्कूलों की संख्या 20 हजार 656 होगी। एकीकृत स्कूलों में से 15 हजार 342 स्कूलों को प्राथमिक से माध्यमिक तक, 1868 स्कूलों को प्राथमिक से हाई स्कूल तक और 934 स्कूलों को प्राथमिक से कक्षा-12 तक संचालित किया जायेगा।

एनसीईआरटी की किताबें शामिल

प्रदेश में कक्षा पहली से कक्षा-10वीं तक गणित, पर्यावरण अध्ययन और विज्ञान, कक्षा-11वीं एवं 12वीं में विज्ञान, गणित और वाणिज्य विषय में एनसीईआरटी की पाठ्य-पुस्तकों को शामिल किया गया है।

 

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