जो अधिकारी कार्य न करें, उन्हें नौकरी से बाहर करें
संभागायुक्त श्री ओझा ने संभागीय समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
उज्जैन । सरकारी अधिकारी-कर्मचारी यदि कार्य नहीं करते हैं तो वे किसी काम के नहीं, उन्हें नौकरी से बाहर करें। यदि आप अधीनस्थ अमले पर नियंत्रण नहीं कर सकते, तो आपके संभागीय अधिकारी होने का क्या मतलब है? सरकारी कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कार्य नहीं करेंगे तो कठोर कार्रवाई होगी।
संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने आज मंगलवार को बृहस्पति भवन में सम्पन्न संभागीय अधिकारियों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। बैठक में उपायुक्त राजस्व श्री पवन जैन एवं सभी संभागीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण उज्जैन संभाग के कार्यों की विशेष समीक्षा की गई।
आगर के डीपीसी को निलम्बित करें
देवास के डीपीसी को नोटिस दें
बैठक में संभागायुक्त द्वारा आगामी 7 अगस्त को आयोजित होने वाले 'मिल बांचें कार्यक्रम' की समीक्षा में कार्य में लापरवाही पाए जाने पर आगर जिले के डीपीसी को निलम्बित करने तथा देवास के डीपीसी को कारण बताओ सूचना-पत्र देने के निर्देश दिए। संभाग के समस्त 11 हजार 580 प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में कार्यक्रम के लिए शालावार कुल 19 हजार 16 वॉलन्टीयर्स पंजीकृत किए गए हैं, परन्तु आगर जिले के 67 स्कूलों में एक भी वॉलन्टीयर्स रजिस्टर्ड नहीं पाए गए। देवास की स्थिति भी ठीक नहीं है।
साइकिलें कहां हैं?
संभागायुक्त ने नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना की समीक्षा में पूछा कि इस वर्ष वितरण करने के लिए आईं साइकिलें कहां हैं। इस पर शिक्षा अधिकारी ने बताया कि उत्कृष्ट विद्यालयों में रखी गई हैं। इस पर संभागायुक्त ने कहा कि उन्हें अवलोकन कराएं। साइकिलें नहीं मिलीं तो कार्रवाई के लिए तैयार हो जाएं।
पंचायतें नहीं कर रही है कार्य
सर्व शिक्षा अभियान के पुराने अपूर्ण कार्यों की समीक्षा में बताया गया कि ग्राम पंचायतों को कार्य दिए गए हैं, किन्तु बहुत-सी पंचायतें कार्य नहीं कर रही हैं। संभागायुक्त ने उनके विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए।
स्वरोजगार प्रकरण स्वीकृत कराएं
संभागायुक्त ने उद्योग एवं अन्य सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिए कि विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं में अधिक से अधिक पात्र हितग्राहियों के प्रकरण बनाए जाएं। उन्हें बैंक से ऋण दिलाएं। आगामी 4 अगस्त को पूरे प्रदेश में हितग्राही स्वरोजगार सम्मेलन आयोजित होंगे, जिनमें हितग्राहियों को स्वीकृत प्रमाण-पत्र वितरित किए जाएंगे। मुख्य रूप से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (ऋण सीमा 10 लाख), मुख्यमंत्री युवा उद्यमी रोजगार योजना (ऋण सीमा 2 करोड़) तथा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजनाओं के अन्तर्गत अधिक से अधिक प्रकरण बनाए जाएं। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में मंदसौर एवं नीमच जिलों की इस वर्ष जीरो प्रतिशत प्रगति पर संभागायुक्त ने सम्बन्धित मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को कारण बताओ सूचना-पत्र देने के निर्देश दिए।
उज्जैन, नीमच, रतलाम एवं शाजापुर के खाद्य अधिकारी को नोटिस जारी करें
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की समीक्षा के दौरान कार्य में लापरवाही की जाने पर संभागायुक्त ने उज्जैन, रतलाम, नीमच एवं शाजापुर के खाद्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश दिए। उज्जैन एवं नीमच जिलों में आधार सीडिंग में तथा बायोमैट्रिक से राशन प्रदाय कार्य में लापरवाही पाई गई। वहीं रतलाम जिले में दुकानविहीन क्षेत्रों में उचित मूल्य दुकानें नहीं खोली गई हैं।
समाधान योजना के शिविर लगाएं
संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि अब मुख्यमंत्री कृषक ऋण समाधान योजना की तारीख 31 अगस्त तक बढ़ा दी गई है, अत: सहकारिता विभाग शिविर लगाकर किसानों को इस योजना का लाभ दे।
प्याज, लहसुन खरीदी में फर्जीवाड़ा, कठोर कार्रवाई करें
प्याज, लहसुन खरीदी में फर्जीवाड़ा सम्बन्धी एक शिकायत के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभाग के अधिकारी ने बताया कि जांच में पाया गया है कि 546 किसानों की उपज को फर्जी तरीके से 31 व्यापारियों द्वारा बेचा गया है, जिसमें लगभग 2 करोड़ की शासन को क्षति हुई है। गड़बड़ करने वालों के विरूद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई है। शासन को रिपोर्ट भिजवाई जा रही है। संभागायुक्त ने दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए।
नकली खाद-बीज की जांच करें
संभागायुक्त ने संयुक्त संचालक कृषि को निर्देश दिए कि नकली खाद-बीज बेचने वालों के विरूद्ध छापामार कार्रवाई करते हुए कठोर कार्रवाई हो। संयुक्त संचालक ने बताया कि जांच में नमूने लिए जाकर जांच के लिए भेजे गए हैं।
हितग्राही को 5 किमी से अधिक न जाना पड़े
संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि शासन के निर्देश अनुसार सामाजिक सुरक्षा पेंशन के हितग्राही को पेंशन निकालने 5 किलो मीटर से अधिक नहीं जाना पड़े, सामाजिक न्याय विभाग यह सुनिश्चित करे। पंजीयन अधिकारी को निर्देश दिए गए कि सिंहस्थ क्षेत्र में कॉलोनियों का पंजीयन नहीं होना चाहिए। कैसे हो गया, इसकी जांच करें। समय पर छात्रवृत्तियों का वितरण शिक्षा विभाग सुनिश्चित करे।