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शहर में कई स्थानो पर धूमधाम से मनाया गया गुरू पूर्णिमा पर्व


रामानुज कोट ऐसा आश्रम है जहां सौ साल से गुरु पूर्णिमा पर गुरु और शिष्य का एक साथ पूजन होता है। आश्रम की परंपरा रही है कि गुरु जीवित रहते अपने उत्तराधिकारी की घोषणा कर देते हैं। उत्तराधिकारी को युवराज स्वामी कहा जाता है।  एेसे में गुरु पूर्णिमा पर जहां मुख्य स्वामी के शिष्य उनका पूजन करते हैं वहीं युवराज स्वामी के अनुयायी उनका पूजन करते हैं। 
धन्वन्तरि आयुर्वेद महाविद्यालय में शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा का आयोजन छात्र-छात्राओं द्वारा किया। महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने गुरुजनों को श्रीफल, पुष्प भेंट कर तिलक लगाकर सम्मान किया।

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